आखिर हत्थे चढ़ ही गया टेरेरिस्ट फंडिंग से जुड़ा मोस्टवांटेड रंजीत उर्फ चीता

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आखिर हत्थे चढ़ ही गया टेरेरिस्ट फंडिंग से जुड़ा मोस्टवांटेड रंजीत उर्फ चीता

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/सिरसा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश में नशे का कारोबार व टेरेरिस्ट फंडिंग करने वाला रंजीत उर्फ चीता आखिर हरियाणा पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।देश के बड़े मामलों में से एक 532 किलोग्राम हेरोइन बरामदगी मामले में मोस्टवांटेड रंजीत उर्फ चीता परिवार के साथ सिरसा में हो सकता है, इसका अंदेशा नहीं रहा। पंजाब के मार्फत आई सूचना के बाद टेरेरिस्ट फंडिंग से जुड़े मोस्टवांटेड को पकड़ने के लिए पुलिस ने फुलप्रूफ प्लान के लिए एक घंटे कड़ी मशक्कत की।
बिना किसी नुकसान के आरोपितों को पकड़ने की जिम्मेदारी सिरसा के डीआइजी डॉ. अरुण सिंह को दी गई। उन्होंने सुरक्षा कवच को दोहरा रूप दिया ताकि कहीं कोई भी परेशानी न आए। इसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। घर के ऊपर बने कमरों में सो रहे चीता व उसके भाई गगनदीप को पकड़ लिया।
पंजाब से इनपुट की जानकारी सिरसा के डीआईजी के पास ही रही और ऑपरेशन को बड़े गुप्त ढंग से सिरे चढ़ाने के लिए एनआइए, पंजाब पुलिस और सिरसा के वरिष्ठ अधिकारियों ने सदर थाना में बैठक की। पंजाब से यह भी इनपुट रहा कि चीता आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है और बड़े स्तर पर फायरिंग हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने गांव बेगू के निकट ढाणी क्षेत्र में घेराबंदी कर दी। बाहर के नाके लगा दिए लेकिन किसी को नहीं पता था कि ऑपरेशन कहां होना है।
सिरसा पुलिस के पास एक बड़ी परेशानी यह थी वह आरोपितों को पहचानती नहीं थी। सही घर की पहचान नहीं थी और न ही वक्त था। ऑपरेशन पर निकलते ही सीआईए सिरसा के उप निरीक्षक ने एक घर के बाहर गाड़ी रोक दी और संभावना जताई कि यही घर हो सकता है।
इस घर के सामने एक अन्य घर था, जिसकी दीवार से झांका गया तो कोई नजर नहीं आया। इसके बाद सामने वाले घर को कवर कर लिया गया। जो इनपुट था, उसके हिसाब से अनुमान सही नजर आया। कूलर चल रहे थे इसलिए पुलिस की कार्रवाई की भनक चीता के परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं लगी। उन्हें तो तब ही पता चला जब पुलिस ने ऊपर सो रहे दोनों भाइयों के कमरों पर दस्तक दी। सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे अधिकारी तो डीआइजी बोले, ऐसे कई ऑपरेशन किए ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार 60 से अधिक पंजाब पुलिस के जवान और करीबन सौ जवान सिरसा पुलिस के इस ऑपरेशन में शामिल रहे। फ्रंट को लेकर विशेष चर्चा हुई कि कौन-किसे कवर करेगा और बैकअप कौन देगा। गाड़ियों को इस ढंग से लगाया गया कि फायरिंग के मामले में जवानों को नुकसान न हो। पीछे और दाएं-बाएं कवर करने का संकेत मिलने के बाद फ्रंट पर डीआईजी आ गए और उन्होंने ही घर के बाहरी दरवाजे पर दस्तक दी। दरवाजा किसी ने नहीं खोला तो पुलिस ने उसे धकेल कर खोल लिया और इसके बाद घर में प्रवेश किया। गर्मी के कारण कूलर चल रहा था, जिसके आवाज के कारण पुलिस की गतिविधि की परिवार के सदस्यों को भनक नहीं लगी। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि सिरसा में ही मोबाइल रिचार्ज करवाते रहे लेकिन इनके बारे में किसी को भनक नहीं लगी।


तीन घंटे चला सर्च ऑपरेशन, बगीची की हुई खुदाई
दोनों को काबू करते ही पुलिस ने घर में सर्च ऑपरेशन किया। तीन घंटे तक पूरे घर को खंगाला गया। परिजनों से भी पूछताछ की गई। इसके बाद पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इसी गिरोह के एक सदस्य ने पंजाब में एक स्थान पर घर की बगीची में ही करोड़ों की नकदी छिपाई हुई थी। यहां भी ऐसा कुछ हो सकता है, जिसके चलते पुलिस ने बगीची की खुदाई की लेकिन कुछ नहीं निकला।
चीता ने बढ़ाई दाढ़ी तो भाई ने की वेल्डिंग की दुकान
सिरसा में दोनों भाइयों ने खुद को छिपाने के लिए पूरे प्रबंध किए। चीता ने दाढ़ी बढ़ा ली ताकि कोई उसे पहचान न पाए और उसके छोटे भाई गगनदीप ने वेल्डिंग की दुकान कर रखी थी। हालांकि काम कम करता था लेकिन दिखाने के लिए दुकान थी। इसका खुलासा भी पुलिस के छापे के बाद ही हुआ।

इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर नशे और आतंकवाद के कुख्यात सौदागर रंजीत सिंह उर्फ चीता उर्फ राणा को हरियाणा के सिरसा में गिरफ्तार किया है।
नशे के सौदागर रंजीत सिंह की हेरोइन की तस्करी के अलावा आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन को रकम मुहैया कराने के मामले में भी तलाश की जा रही थी।

पाकिस्तान से सेंधा नमक में छिपा कर  लाते हेरोइन।-

अटारी बार्डर पर पिछले साल जून में कस्टम विभाग ने 532 किलो हेरोइन जब्त की थी। यह हेरोइन पाकिस्तान से सेंधा नमक के बीच छिपा कर लाई गई थी। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ में पता चला कि हेरोइन की चार खेप पाकिस्तान से वह पहले भी भारत ला चुके हैं। हेरोइन की तस्करी कस्टम हाउस एजेंटों, ट्रांसपोर्टरों, आयातकों की सांठ-गांठ से की जा रही थी। अंतरराष्ट्रीय हवाला  के जरिए पैसों का लेन-देन किया जाता था। एनआईए द्वारा इस मामले में रंजीत सिंह समेत 15 लोगों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में अदालत में आरोपपत्र दाखिल भी किया जा चुका हैं।

इस मामले में मुख्य अभियुक्त रंजीत सिंह की तलाश की जा रही थी। एक ख़ुफिया सूचना के आधार पर उसे सिरसा में बेगू रोड पर एक खेत में बने मकान में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया। रंजीत और अपने परिवार के साथ सात महीने से यहां छिपा हुआ था।

आतंकवादियों को धन –
पंजाब पुलिस ने पिछले महीने की  25 तरीख को अमृतसर में हिजबुल मुजाहिदीन के हिलाल अहमद  को 29 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया। कश्मीर में नौगांव निवासी हिलाल अहमद ने यह रकम कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ आपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू (अब मारा जा चुका) को देनी थी।
आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन को रकम मुहैया कराने के इस मामले में भी मुख्य अभियुक्त रंजीत सिंह की तलाश की जा रही थी।
अपने पांच भाइयों के साथ रंजीत पिछले कई सालों से नशे के कारोबार में सक्रिय हैं। अमृतसर निवासी इन अभियुक्तों के खिलाफ अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

आतंकवाद के लिए नशे का धंधा-
एनआईए को जांच के दौरान पता चला है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी गिरोह भारत में आतंकवाद के लिए नशे के कारोबार से धन जुटाने में लगे हुए हैं। आतंकवाद के मकसद को पूरा करने के लिए ही नशे की तस्करी के कारोबार को हवाला और कोरियर  के जरिए कश्मीर घाटी में स्थानांतरित किया गया है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox