नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- चंडीगढ़ खट्टर सरकार ने कांग्रेस के मनसूबों पर पानी फेरते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में हरियाणा विधानसभा में जीत हासिल की है। हालांकि कांग्रेस ने किसान आंदोलन पर सरकार को बदनाम कर गिराने की कोशिश की थी लेकिन इस अविश्वास प्रस्ताव में गठबंधन पूरी तरह से साथ खड़ा दिखाई दिया ओर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 और विपक्ष में 55 वोट पड़े। कांग्रेस के इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के 30 विधायकों के अलावा सिर्फ दो विधायक ही उसके साथ आये।
वोटिंग से पहले अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह प्रस्ताव लाने के लिये कांग्रेस का धन्यवाद कि कांग्रेस की मृगतृष्णा कभी पूरी नहीं होगी। खट्टर ने कहा, नो कॉन्फिडेंस कांग्रेस की संस्कृति है। जब पार्टी चुनाव हार जाती है, तो उसे ईवीएम पर विश्वास नहीं होता है। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। अगर कांग्रेस सत्ता में रहती है तो सब ठीक है, लेकिन अगर बीजेपी सत्ता में है तो उसे कुछ भी हजम नहीं होता।
वहीं हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला ने विधानसभा में कहा,10 साल ये नारा लगा कि हुड्डा तेरे राज में किसान की जमीन गई ब्याज में। हमने पिछले 1 साल में 30,000 करोड़ रुपये की अलग-अलग फसलें एमएसपी पर खरीदी हैं। पिछली बार 1800 खरीद केंद्र बनाए थे.। उन्होंने कहा कि इस बार भी प्रत्येक किसान को विश्वास दिलाते हैं कि जैसे ही मंडी में आपका जे फॉर्म कटेगा, उसके 2 दिन के अंदर आपके खाते में पैसे पहुंच जाएंगे।
इससे पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने लोगों का विश्वास खो दिया है। हुड्डा ने विधानसभा स्पीकर से अनुरोध किया कि अविश्वास प्रस्ताव पर गोपनीय मतदान की अनुमति दी जाए। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा उठाते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि स्थिति ऐसी है कि सत्ताधारी पार्टी (बीजेपी-जेजेपी) के विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी नहीं जा सकते। किसानों के मुद्दे पर हुड्डा ने मांग रखी कि हरियाणा विधानसभा की श्रद्धांजलि सूची में उन 250 किसानों का नाम शामिल किया जाए जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हो गई। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने नवंबर में किसानों को रोका, उनके विरुद्ध पानी की बौछार का इस्तेमाल किया और वे दिल्ली की ओर न जा सकें इसलिए सड़कें तक खोद दी गईं।
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 88 है, जिसमें सत्तारूढ़ बीजेपी के 40 सदस्य, जजपा के दस और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। सात निर्दलीय विधायक हैं और एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है, जिसने सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है।
-किसान आंदोलन के नाम पर सरकार को बदनाम कर गिराना चाह रही थी कांग्रेस, लेकिन विपक्ष के 32 के मुकाबले 55 से जीता प्रस्ताव
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