नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई ऐतिहासिक घोषणाएं की गईं।
एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा गया है, जिसकी संख्या करीब 6 करोड़ है। कोविड की महामारी के बाद पीएम ने एमएसएमई की आत्मनिर्भरता को पहचाना और उसे पैकेज भी दिया गया, ताकि वह संभल सकें। देखा जाए तो मोदी सरकार की घोषणाओं से 66 करोड़ लोगों को फायदा होगा, जिसमें 55 करोड़ खेती पर निर्भर लोग हैं, जबकि 11 करोड़ ऐसे लोग हैं जो एमएसएमई में काम कर रहे हैं।
बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कुल लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का वादा सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने कहा, ष्खरीफ फसल 20-21 के 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है। इन 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83ः तक ज्यादा दाम हासिल होगा।

इसके अलावा एमएसएमई की परिभाषा में भी हुआ संशोधन।
एमएसएमई की परिभाषा को भारत सरकार ने आज और संशोधित किया है। इकाई की परिभाषा के तहत निवेश की सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ के निवेश और 5 करोड़ का कारोबार कर दिया है। वहीं लघु इकाई निवेश की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए और 50 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया गया है। मध्यम इकाई के तहत 20 करोड़ रुपए निवेश और 250 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया है। पीएम ने मध्यम और मैन्युफैक्चरिंग सेवा इकाइयों की सीमा भी बढ़ाकर 50 करोड़ निवेश कर दी और कारोबार की सीमा 250 करोड़ तक बढ़ा दी है। साथ ही ये भी फैसला लिया गया है कि निर्यात में एमएसएमई को किसी भी टर्नओनर में नहीं गिना जाएगा, चाहे वह सूक्ष्म हों, लघु हों या फिर मध्यम हों। कोरोना वायरस की वजह से लड़खड़ाई देश की अर्थव्यवस्था से सबसे अधिक प्रभावित रेहड़ी-पटरी पर काम करने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को अब पीएम स्व निधि स्कीम के तहत 10 हजार का कर्ज दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनट की बैठक में श्आत्मनिर्भर भारत योजनाश् को मंजूरी दे दी गई।
अर्थव्यवस्था को देखते हुए देश की हालत अभी ठीक नहीं है क्योँकि कोरोना काल ने सभी की हालात खराब कर दी है। ऐसे में सरकार कोशिश कर रही है अपनी तरफ से लॉक डाउन संकट से बिगड़ी देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्आत्मनिर्भर भारत अभियानश् की शुरुआत की थी। इसके तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 14 मई को बताया था कि रेहड़ी-पटरी और ठेले पर समान बेचने वाले 50 लाख लोगों को लोन देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था आर्थिक पैकेज के तहत की गई है। इस स्कीम में प्रति व्यक्ति अधिकतम 10 हजार रुपए का लोन मिलेगा। अगर यह योजनाएं निचले स्तर तक पहुँचती हैं माध्यम वर्ग व् निचला माध्यम वर्ग को काफी फायदा होगा।

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