हाथरस में अघोषित आपातकाल, विपक्ष से डरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
December 12, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

हाथरस में अघोषित आपातकाल, विपक्ष से डरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/हाथरस/उ.प्र./नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हाथरस कांड को लेकर पूरे उ.प्र. में धरना-प्रदर्शन, विरोध का सिलसिला आज भी जारी है। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता राज्य पुलिस के बर्बर रवैये, राज्य सरकार की तानाशाही तथा राहुल गांधी के साथ हुए दुर्व्यवहार पर अपना विरोध जता रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश और प्रदेश के उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर हाथरस और खासकर सामूहिक दुष्कर्म और इसके बाद हमले का शिकार होकर दम तोड़ देने वाली पीड़िता के गांव-घर जाने वाले सभी रास्तों पर कड़ा पुलिस-प्रशासन का पहरा है। मीडिया से लेकर नेता, किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है।
आज अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपति महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। यह दिन देश के लिए जितना अहम है, उत्तर प्रदेश (उ.प्र.) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उतनी ही बड़ी परेशानी भरा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यालय के सूत्र इसे आपातकाल की संज्ञा दे रहे हैं। उनका कहना है कि पीड़िता के गांव और उसके परिवार से मिलने के लिए न तो राजनीतिक दलों के नेताओं को जाने की इजाजत दी जा रही है और न ही मीडिया वहां फटक पा रही है। राहुल गांधी के सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार केंद्र की सरकार के इशारे पर तानाशाही पर उतर आई है। राज्य सरकार को डर सता रहा है कि कहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष किसानों के भट्टा पारसौल आंदोलन की तरह गुपचुप तरीके से हाथरस न पहुंच जाएं।
कांग्रेस के नेता उमेश पंडित का कहना है कि इसी डर के कारण हाथरस में पीड़िता के गांव तक आने-जाने के सभी रास्ते को पुलिस प्रशासन ने सील कर दिया है। कई न्यूज चैनल के रिपोर्टरों ने भी फोन पर जानकारी दी कि पुलिस प्रशासन न तो पीड़िता के गांव में जाने दे रहा है और न ही मीडिया को शांतिपूर्ण तरीके से अपना काम करने दे रहा है। देश के एक नामी समाचार चैनल की महिला पत्रकार ने बताया कि उ.प्र. इस दौरान महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रही है। पुलिस के जवान महिलाओं के कपड़े पर हाथ लगाकर उसे खींच तक रहे हैं। ताकि महिलाओं के कपड़े फट जाएं। गौरतलब है कि कल इसी तरह की एक घटना कांग्रेस की नेता अमृता धवन के साथ हुई थी और उनके कपड़े फट गए थे।
वहीं लखनऊ में समाजवादी पार्टी का विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने राज्य के नेताओं को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा। हाथरस की घटना ने दिल्ली में राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। इस कड़ी में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन भी हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें भी पुलिस की धक्का-मुक्की का शिकार होना पड़ा। सोशल मीडिया में आज भी हाथरस का मुद्दा छाया हुआ है। लोग हाथरस मुद्दे में न्याय चाहते हैं। शुक्रवार को भी इस मुद्दे को लेकर उ.प्र. सरकार और पुलिस की आलोचना हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवैय्ये पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वरिष्ठ मीडिया कर्मियों ने भी सोशल मीडिया पर राज्य सरकार के रवैये को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। राजनीतिक दलों में शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार के रवैये की आलोचना की है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox