परीक्षाओं को लेकर छात्रों का विरोध हुआ तेज

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January 15, 2025

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परीक्षाओं को लेकर छात्रों का विरोध हुआ तेज

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुरूग्राम/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना महामारी से उपजे सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए देश कई महीनों से लॉकडाउन में है। कोई कारगर इलाज न होने के कारण घरों पर रहना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही इससे बचाव का एकमात्र तरीका है। लेकिन जब भारत में कोरोना केस 2 लाख पहुँचने वाले हैं, तब तमाम राज्य सरकारें परीक्षा आयोजित करने पर अड़ गयी है। जिसे देखते हुए छात्रों में काफी नाराजगी है और राज्य सरकारों के इस निर्णय को लेकर छात्रों का विरोध दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं छात्रों के माता-पिता भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहे है। कई पेरेंट्स एसोसिएशन तो सरकारों की इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी ज्ञापन देकर इस फैसले को वापस लेने की अपील करेंगी।
                              इस संबंध में गुरुग्राम के छात्र नेता आशीष राजपूत ने बताया कि विश्व अभी भी हालात काबू से बाहर हैं और देश में भी रोजाना हजारों केस सामने आ रहे हैं, ऐसे में सरकार का कॉलेज में परीक्षा कराने का फैसला हजारों विद्यार्थियों को मौत में धकेलना जैसा है। इस मसले को सरकार के समक्ष उठाने के लिए छात्र संगठन सोशल मीडिया की मदद से बड़े आंदोलन शुरू करेंगे। आशीष राजपूत ने विद्यार्थियों का पक्ष रखते हुए कहा कि जब प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा रद्द हो सकती हैं तो सरकार को द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष की परीक्षा भी रद्द करनी चाहिए। उन्होने कहा कि यह समय परीक्षा का नही बल्कि देश के भविष्य की सुरक्षा की चिंता का है। उन्होने बताया कि द्वितीय वर्ष की परीक्षा फल प्रथम वर्ष के रिजल्ट पर तय होगा लेकिन उसमे दूसरे सेम रिअपीयर विद्यार्थियों का भविष्य भी खतरे में है। कोरोना महामारी का डर इतना है कि माता पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित है। पलायन कर चुके हजारों विद्यार्थी भी परीक्षा देने की स्थिति में नही है।
                              सरकार को राष्ट्र के भविष्य युवाओं के बारे में सोचना चाहिए। अगर राष्ट्र के युवा ही संक्रमित हो जायेंगे, तो राष्ट्र के भविष्य का क्या होगा? उन्होने कहा कि अगर सरकार नही मानी तो छात्र इसके लिए आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की गयी हैं। आंदोलन में हरियाणा के छात्रों की एकता सरकार के फैसले को चुनौती देगी। अब तक सैकड़ों छात्र सोशल मीडिया पर सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं और आने वाले समय में यह विरोध और तेज होगा।

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