
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अपनी पूरी उम्र देश की रक्षा व सेवा में लगाने के बाद एक 60 साल के सैनिक के पास आखिर पेंशन ही उसके जीने का सहारा होती है। उम्र का ढलाव व अपनो की उपेक्षा का दंश इस उम्र में झेलना कितना मुश्किल होता है यह सिर्फ वही पीड़ित सैनिक बता सकते है जो इस दौर से गुजर रहे है। पैरामिलिटरी फोर्स के जवानों की पैशन ही उनके बुढापे का सहारा था लेकिन सरकार ने वह भी उनसे छीन ली जिसकारण आज सैनिक अपने आपकों उपेक्षित महसूस कर रहा है। पूर्व सैनिकों की इसी पीड़ा को लेकर हमारा देश हमारे जवान संगठन की सचिव भावना शर्मा ने पैरामिलिटरी फोर्स के जवानों की पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने के लिए एससी के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय अग्रवाल से मुलाकात की। उन्होने कहा कि उनका संगठन अब इस मामले में पीछे नही हटेगा और सरकार पर पूरा दबाव बनायेगा।
पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की समस्याओं पर बात करते हुए सचिव भावना शर्मा ने बताया कि जब एक सैनिक अपनी पूरी सेवा देने के बाद घर जाता है तो उसके पास रोजगार का कोई भी जरिया नही होता क्योंकी उनकी उम्र बहुत हो चुकी होती है जिसके चलते वे शारीरिक तौर पर कमजोर हो जाते है। पूरी सेवा करने के बाद उन्हे कोई भी सरकारी नौकरी नही मिल सकती क्योंकी उनकी निर्धारित आयु सीमा जोकि किसी भी सरकारी नौकरी के लिए जरूरी है निकल चुकी होती है। उन्होने बताया कि क्योंकी करीब 58 साल उम्र होने तक उनके बच्चे भी अपने अपने वैवाहिक जीवन की जिम्मेवारियो मे व्यस्त हो जाते है जिनकी वजह से इन भूतपूर्व सैनिको के पास अपना जीवन यापन करने के लिए कुछ शेष नही बच पाता। 58 साल की उम्र तक पहुँचते पहुँचते अधिकांश सैनिक अपनी पारिवारिक जिम्मेवारियों का निर्वहन करते हुए अपनी जमा पूंजी खर्च कर चुके होते है। अपनी सैनिक और पारिवारिक जिम्मेवारियों के निर्वहन के बाद इनकी वृद्धावस्था मे पारिवारिक पेंशन इनका एक मात्र सहारा है। वो भी सरकार ने उनसे छीन ली है।
भावना शर्मा ने कहा कि हमारा देश हमारे जवान संगठन ने अब फैसला किया है कि वह इस मसले को सरकार तक पंहुचा कर रहेगें। इसके लिए आज सुप्रीम कोर्ट वकील अजय अग्रवाल से मुलाकात कर अग्रह किया गया कि वो पेंशन के लिए एक याचिका डाल भारत सरकार को इस मुद्दे से व सैनिकों की समस्या से रूबरू करवाये ताकि सीएपीएफ जवानों की पुरानी पेंशन जोकि 2004 मे बंद की गई थी उसको बहाल किया जा सके। उन्होने कहा कि वैसे तो उनका संगठन इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, गृृहमंत्री व रक्षा मंत्री से कई बार मिल चुका है लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे है। उन्होने कहा कि जब एक सैनिक अपनी पूरी उम्र देश के लिए लगा देता है तो उसके बुढ़ापे की गुजर बसर आराम से हो इसके लिए सरकार को भी उनकी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को मान कर लागू करना चाहिए। तभी एक सैनिक अपने को देश से जुड़ा मानेगा।
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