
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/इंग्लैंड/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस से बचाव के लिए दुनियाभर में अनेकों हिदायते दी जा रही है जिनमें मास्क व उचित सामाजिक दूरी को सबसे कारगर उपाय बताया गया है। लेकिन मास्क को लेकर फैली कुछ भ्रांतियों के चलते लोगों ने मास्क लगाना कम कर दिया था लेकिन अब एक शोध में यह साफ हो गया है कि मास्क लगाने से शरीर में आॅक्सीजन काई कमी नही होती है। इसको सिद्ध करने के लिए इंग्लैंड में एक एक डॉक्टर ने मास्क लगाकर 22 मील तक दौड़ लगाई, ताकि मास्क को लेकर लोगों के डर को खत्म किया जा सके। जबकि मास्क के प्रयोग से कोरोना के संक्रमण को 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
इंग्लैंड में टॉम लॉटन नाम के एक डॉक्टर इस बात को साबित करना चाहते थे कि मास्क लगाने से इंसान की श्वसन क्षमता खराब या प्रभावित नहीं होती है। इसके लिए उन्होंने अपने चेहरे पर मास्क लगाया और 22 मील तक दौड़ लगाई। इस दौरान, डॉक्टर लॉटन ने अपने ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग किया। पल्स ऑक्सीमीटर का प्रयोग इंसान की लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन की सैचुरेशन मापने के लिए किया जाता है और आमतौर पर इसकी क्लिप को उंगलियों पर लगाया जाता है।
रविवार को एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में लॉटन ने कहा, वह लोगों को यह दिखाना चाहते थे कि मास्क पहनना सुरक्षित है और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में एक जरूरी हथियार है। डॉक्टर लॉटन ने पिछले महीने ट्वीट किया था, दौड़ने के दौरान मैंने मास्क को बिल्कुल भी नहीं उतारा, ना ही इस दौरान मैंने कुछ खाया-पीया और मैंने जब भी ऑक्सीजन लेवल की जांच की यह 98 फीसदी पर बना रहा।
दुनियाभर में स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से लगातार लोगों को मास्क लगाने को कहा जा रहा है, ताकि वे खुद के साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा कर सकें। लेकिन हाल के कुछ दिनों में इन दिशानिर्देशों को लेकर विवाद खड़ा हो गया और लोगों ने मास्क लगाने से इनकार करना शुरू कर दिया। लॉटन ने कहा, मैं बहुत ही ज्यादा निराश हुआ, जब मैंने कुछ तस्वीरों को देखा। इन तस्वीरों में लोग मास्क पहनकर डेस्क पर बैठे थे और दावा कर रहे थे कि मास्क लगाने से उनका ऑक्सीजन स्तर गिरा है।
लॉटन ने कहा, मुझे नहीं लगता कि अकेले मास्क लगाने से कोरोना से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा, कोरोना से पूरी तरह लड़ने के लिए हमें एक-दूसरे से उचित दूरी, आइसोलेशन का पालन, हाथ धोना और मास्क पहनना पड़ेगा। क्योंकि बातचीत के दौरान हवा में निकली बूंदों से भी कोरोना फैल सकता है, इसलिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है।
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