
नजफगढ़ मेट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अनलॉक 4 को लेकर केंद्र सरकार ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। कोरोना काल में 170 दिनों बाद 7 सितंबर से दिल्ली मेट्रो दोबारा पटरी पर लौटेगी। जिसके लिए एसओपी ने नये दिशा-निर्देश जारी कर दिये है। हालांकि, संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियातों का सख्ती से पालन किए जाने से यात्रियों को कई बदलावों का सामना करना पड़ेगा। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक सीट छोड़कर यात्री बैठ सकेंगे। वहीं आरोग्य सेतु ऐप, मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा मेट्रो में उद्घोषणाएं भी पहले से अलग होंगी।
मेट्रो संचालन का बेसब्री से इंतजार कर रहे लाखों लोगों को सेवाएं शुरू होने से बड़ी राहत मिलेगी। रविवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बारे में जानकारी देते हुए कई तरह की बातें बताईं। उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशन में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही यात्रियों को अंदर आने दिया जाएगा। सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा, टोकन बंद रहेगा, स्मार्ट कार्ड द्वारा ही लोग सफर करेंगे। कंटेनमेंट जोन में आने वाले क्षेत्रों के स्टेशन बंद रहेंगे। इसके साथ ही फिलहाल कुछ और स्टेशन भी बंद रहेंगे जिसकी लिस्ट जनता को दे दी जाएगी। मालूम हो कि यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर मेट्रो अधिक समय तक रुकेगी। सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश से पहले यात्रियों की होने वाली जांच के सिलसिले में लगने वाले वक्त को देखते हुए स्टॉपेज टाइम दोगुना हो जाएगा। इंटरचेंज स्टेशन पर 30-35 सेकंड के बजाय अब 55 सेकेंड से एक मिनट तक मेट्रो रुकेगी।
अनदेखी करने पर होगा जुर्माना
मेट्रो में सफर करने के लिए सभी यात्रियों और कर्मियों के लिए मास्क और आरोग्य सेतु ऐप का होना जरूरी है। सीआईएसएफ ने नियमों की अनदेखी होने पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही मेट्रो के अंदर होने वाली उद्घोषणाओं में भी बदलाव होगा। संक्रमण से यात्रियों के बचाव के लिहाज से एहतियाती सुझाव दिए जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग, आरोग्य सेतु एप, मास्क के अलावा भीड़ नियंत्रण पर भी डीएमआरसी की निगाहें रहेंगी।
[6:19 pm, 30/08/2020] Shiv Uncle: लाॅकडाउन के दौरान स्कूल नही ले सकते वार्षिक व विकास शुल्क- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट का निर्देश, इस बीच ट्यूशन फीस अनिवार्य रूप से देंगे अभिभावक
नजफगढ़ मेट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान स्कूलों के बंद रहने तक छात्रों के अभिभावकों से वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लिया जा सकता। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अभिभावक इस बीच ट्यूशन फीस अनिवार्य रूप से देंगे।
न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निजी स्कूल के अभिभावकों के संगठन की याचिका पर 25 अगस्त को यह निर्देश दिया। इस याचिका में स्कूला द्वारा जुलाई से ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक और विकास शुल्क लिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने निजी स्कूलों को जुलाई से वार्षिक और विकास शुल्क लेने से रोक दिया है। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले में दिल्ली सरकार और संबंधित स्कूल को नोटिस जारी करके जवाब भी मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की गई है।
सुनवाई के दौरान निजी स्कूल की ओर से दलील दी गई कि लॉकडाउन खत्म हो चुका है, इसलिए वह वार्षिक और विकास शुल्क ले सकता है। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने 18 अप्रैल के अपने सर्कुलर में स्कूलों को लॉकडाउन की अवधि में वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लेने को कहा था।
यह सर्कुलर अब भी लागू है क्योंकि स्कूल खुले नहीं हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने स्पष्ट किया मौजूदा लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से वार्षिक और विकास शुल्क नहीं लिया जा सकता।
More Stories
संस्कृत का विरोध भारत और भारतीयता का विरोध है : प्रो. मुरलीमनोहर पाठक
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने हसन, कर्नाटका में अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय का किया उद्घाटन
भाजपा ने लूटा न्यू इंडिया बैंक’, राउत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना; पीएम मोदी से भी पूछे तीखे सवाल
बीजेपी विधायक दल की बैठक टली, अब 19 को होगा मंथन
यूक्रेन युद्ध पर बातचीत के लिए तैयार हुआ रूस, सऊदी अरब में होगी क्रेमलिन और अमेरिकी अधिकारियों की बैठक
एजीएस, अपराध शाखा ने मुठभेड़ के बाद पकड़े दो कुख्यात स्नैचर गिरफ्तार