नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस को लेकर शुरुआत से यह बात कही जा रही है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। पिछले दिनों हुए अध्ययन में इस वायरस से सबसे अधिक 45 से अधिक उम्र के लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई थी। लेकिन किशोर और युवाओं में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। ताजा आंकड़े इस बात की तस्दीक देते हैं। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने युवाओं में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, युवाओं में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले पांच महीने में 15 से 24 साल के युवाओं में संक्रमण तीन गुना बढ़ा है।
खबरों के मुताबिक, 24 फरवरी से 12 जुलाई के बीच युवाओं में इनमें संक्रमण की दर 4.5 से बढ़कर 15 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं, पांच से 14 साल के आयुवर्ग में मामले 0.8 फीसदी से बढ़कर 4.6 फीसदी हो गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना की जांच का दायरा भी बढ़ा है और कई देशों में शिक्षण संस्थान भी दोबारा खोले गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख जनरल टेड्रोस अधानोम ने कहा, हम पहले भी कह चुके हैं और आगे भी कहेंगे कि युवा बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं। युवा भी संक्रमित हो सकते हैं, उनकी मौत भी हो सकती है और वे संक्रमण भी फैला सकते हैं। अन्य आयुवर्ग की ही तरह ये तमाम चीजें उनके साथ भी लागू होती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, बीते पांच महीने में युवाओं में संक्रमण के 60 लाख मामले सामने आए हैं। युवाओं में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह युवाओं का नाइटक्लब पार्टी करना, समुद्रतटों पर घूमना वगैरह भी बताए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, युवाओं में कोरोना संक्रमण के मामले अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस और जापान जैसे एशियाई देश में भी बढ़ रहे हैं।
जॉन हॉप्किंस अस्पताल की नर्स मैनेजर नेयसा एर्नेस्ट कहती हैं कि युवा सोशल डिस्टेंसिंग बरतने और मास्क लगाने को लेकर बहुत गंभीर नहीं हैं। उनके मुताबिक, सफर के दौरान कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है। घर से बाहर निकलने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है, क्योंकि जॉब पर जाना और पार्टी करना इनकी जीवनशैली में शामिल है। घर की जरूरतों के सामान खरीदने भी अधिकतर युवाओं को ही बाहर जाना पड़ता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिस रफ्तार से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, कोरोना की दूसरी लहर की संभावना बन रही है। वियतनाम जैसे कुछ देशों में संक्रमण के मामले खत्म होने के बाद फिर से सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कई देशों को ट्रैवलिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी करने की जरूरत है। भारत ने विदेशों से आने वाले लोगों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो आठ अगस्त से लागू होंगे।
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