किसान आंदोलन के समर्थन के लिए जींद व रोहतक में भरी राकेश टिकैत ने हुंकार

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किसान आंदोलन के समर्थन के लिए जींद व रोहतक में भरी राकेश टिकैत ने हुंकार

-कहा अभी तो सिर्फ अपना हक मांग रहे है और अगर कुर्सी मांग ली तो क्या होगा

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन के लिए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने जींद व रोहतक की किसान महापंचायतों में हुंकार भरते हुए कहा कि अभी तो किसान सिर्फ अपना हक मांग रहे है और अगर कुर्सी मांग ली तो सरकार का क्या होगा। आज दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का 70वां दिन है।
बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद जिस तरह से किसान आंदोलन को धक्का लगा था उससे उभरते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर व टिकरी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। आज रोहतक और जींद में किसानों की महापंचायत हो रही है। दोनों ही जगह किसान नेता राकेश टिकैत शामिल हो रहे हैं। वहीं, तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को ज्ञापन दीजिए।

महापंचायत के बाद टिकैत ने किया ये ट्वीट
राकेश टिकैत ने महापंचायत से निकलकर दो ट्वीट किए हैं। उन्होंने पहला ट्वीट कर कहा कि, गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए। इसके बाद ही वार्ता सम्भव है। इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर महापंचायत में पास हुए पांच प्रस्ताव के बारे में लिखा है।

महापंचायत से निकले टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत महापंचायत से निकल गए। यहां से टिकैत खटकड़ टोल पहुंचेंगे। इससे पहले टिकैत ने कहा कि बॉर्डर पर सरकार ने कीलें लगाई हैं, वे लाकर अपनी खाप के ऑफिस में रखेंगे। किसानों के वार्ताकार वही बात रखेंगे। हम युद्ध में घोड़े नहीं बदलेंगे। इस दौरान टिकैत ने पानी बचाने की अपील भी की। साथ ही कहा कि किसान अपने खेत में नंगे पांव रहें। अपने खेत की मिट्टी और खेत का पानी अपने घर के मंदिर में रखें।

राकेश टिकैत ने कहा- गद्दी वापसी की बात की तब क्या करेगी सरकार
राकेश टिकैत ने मंच ठीक होने के बाद जब दोबारा बोलना शुरू किया तो एक तरह से सरकार को चेतावनी ही दे डाली। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि अभी तो हमने बिल वापसी की बात की है अगर गद्दी वापसी की बात की तब सरकार क्या करेगी। उन्होंने ये भी कहा यह युवाओं की क्रांति का साल है।

भीड़ इतनी बढ़ी कि टूटा महापंचायत का मंच
राकेश टिकैत जब मंच पर बोलने वाले थे उससे चंद मिनट पहले ही मंच टूट गया। फिर सब कुछ ठीक कर जब वह दोबारा मंच पर आए तो कहा कि मंच भाग्यवानों के टूटते हैं।

जींद महापंचायत में हाथ उठाकर तीनों कृषि कानून वापस लेने का प्रस्ताव पास
जींद महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं। सभी प्रस्ताव लोगों ने हाथ उठाकर पास किया है। इसमें सबसे प्रमुख है तीनों कृषि कानूनों की वापसी का प्रस्ताव। दूसरा एमएसपी पर कानून बने, तीसरा स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो, चैथा दिल्ली में पकड़े गए ट्रैक्टर व लोग रिहा हों, पांचवां किसानों के कर्ज माफ हों।

किसानों के लिए महापंचायत में बना खास लंगर
जींद में चल रहे महापंचायत में किसानों के लिए खास लंगर बन रहा है। तीन तरह की सब्जियां बनाई जा रही हैं। इसमें आलू-मटर, दाल मखनी व मिक्स वेज शामिल हैं। मीठे में किसान नेताओं के लिए हलवा बनेगा। पूरी के साथ रोटियों की भी व्यवस्था है। रागिनी कलाकारों ने भी यहां अपनी प्रस्तुतियां दी।

बीकेयू के महासचिव ने कहा एक लाख लोग हैं एक करोड़ होने चाहिए
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि दिल्ली में एक लाख लोग हैं, इससे काम नहीं चलेगा, एक करोड़ चाहिए। जब भी संदेश आए सभी दिल्ली पहुंचें।

दिल्ली में वामपंथी छात्र किसानों के समर्थन में निकाल रहे मार्च
लेफ्ट स्टूडेंट पार्टियां किसानों के समर्थन में दिल्ली के मंडी हाउस से संसद तक मार्च कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मंडी हाउस में ही रोक लिया है।

जींद के कंडेला में शुरू हुई महापंचायत, पहुंचे गुरनाम सिंह चढूनी
जींद के कंडेला में महापंचायत शुरू हो चुकी है। इसमें गुरनाम सिंह चढूनी पहुंच चुके हैं। चढूनी ही वह शख्स हैं जो हरियाणा में किसान आंदोलन को व्यापक तौर पर फैलाने के लिए जाने जाते हैं।

26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को ज्ञापन दीजिए। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर चढ़कर धार्मिक झंडा भी फहराया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 27 जनवरी को दो याचिकाएं दाखिल की गईं थीं।

लापता किसानों का पता लगाएगी दिल्ली सरकार- केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एलान किया है कि उनकी सरकार और पार्टी उन लापता किसानों का पता लगाएगी जो किसान आंदोलन और ट्रैक्टर रैली के दौरान गायब हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना मिली है कि दिल्ली किसान आंदोलन में जो लोग हिस्सा लेने आए थे वे अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं। दिल्ली के अलग-अलग जिलों में जिन लोगों को किसान आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार किया गया है उनकी हमने कल एक लिस्ट बनाई है। ये लिस्ट हम अभी जन सूचना के लिए जारी कर रहे हैं।

जींद में होनी वाली महापंचायत में किसानों को सही दिशा में विचार करना चाहिए- अठावले
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि जींद में होनी वाली महापंचायत में किसानों को सही दिशा में विचार करना चाहिए। सरकार 3 कानूनों पर डेढ़ साल तक अमल नहीं करेगी और इसमें जो भी सुधार करना होगा उसके लिए वो तैयार है, उन्हें पंचायत में इन सब पर चर्चा करना चाहिए और आंदोलन को खत्म करना चाहिए।

किसान दुश्मन देश के नागरिक नहीं- संजय सिंह
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि किसान दुश्मन देश के नागरिक नहीं हैं, आपने बॉर्डर पर ऐसे कील लगा दीं हैं जैसे चीन-पाकिस्तान का बॉर्डर तैयार किया हो। सरकार किसानों को आतंकवादी कह रही, लाठी से पीट रही। इसलिए हमने सदन में विरोध दर्ज कराया ताकि सबसे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो और 3 कानूनों वापस हो। संजय सिंह ने कहा कि सदन से एक दिन के लिए सस्पेंड किया गया है लेकिन इस सस्पेंड से हमें फर्क नहीं पड़ने वाला है, हम किसानों के हक में आवाज उठाते रहेंगे।

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