नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- महरौली पुलिस ने फर्जी काॅल सैंटर चलाकर बेरोजगारों से ठगी करने वाले गिरोह का फर्दाफाश करते हुए सरगना समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस जाल साजी का सरगना एक बीटेक डिग्रीधारक युवक है जिसे नौकरी नहीं मिली तो कॉल सेंटर चलाकर बेरोजगार युवकों को ठगने लगा। आरोपी छह राज्यों में महज डेढ़ महीने में ही 1200 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुका है। पुलिस ने महरौली में चल रहे एक कॉल सेंटर पर छापा मारकर इस मामले का पर्दाफाश किया। मौके से चार युवतियों समेत 9 कर्मचारी पकड़े गए, जबकि इनकी निशानदेही पर सोमवार को कॉल सेंटर संचालक आशीष और अर्जुन सिंह को दिल्ली से ही धर दबोचा। आशीष के बैंक खाते में 7.50 लाख रुपये हैं, जिसे सीज कर दिया गया है। तीन फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने कॉल सेंटर से 31 रजिस्टर, पांच लैपटॉप, पांच मोबाइल, फर्जी नियुक्ति पत्र और आठ सिम कार्ड जब्त किए हैं।
दक्षिण जिला डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि महरौली थानाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह को सूचना मिली थी कि केहर सिंह एस्टेट वेस्टर्न मार्ग लेन-दो में स्थित, सैदुल्लाजॉब में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। एसआई राजेश कुमार मीणा, वरुण कुमार व अमित की टीम ने 26 दिसंबर की शाम कॉल सेंटर में छापा मारकर चार युवतियां व पांच लड़कों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान विकास यादव, कृष्णा, नजाकत अली, रूप बसंत, अविनाश, प्रीति, रितु, उर्मिला और बेबी के रूप में हुई। पूछताछ में इन्होंने बताया कि वह आशीष, राहुल और अर्जुन के यहां काम करते हैं। इसके बाद पुलिस ने संभल, यूपी निवासी अर्जुन सिंह(28) और मोदी नगर, गाजियाबाद, यूपी निवासी आशीष उर्फ अमन (32) को गिरफ्तार कर लिया। राहुल व राघव समेत तीन आरोपी फरार हैं।
प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ऐंठते थे रुपये
पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने करीब डेढ़ महीने पहले कॉल सेंटर खोला था। आशीष ने बताया कि उसने बीटेक किया हुआ है और प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था। नौकरी जाने के बाद उसे और कहीं नौकरी नहीं मिली तो वह राहुल व अर्जुन के साथ मिलकर कॉल सेंटर खोलकर ठगी करने लगा। कॉल सेंटर में काम करने वाले अपने कर्मचारियों को बता रखा था कि कैसे लोगों से ठगी करनी है। उन्हें यह भी कह रखा था कि जो जितने ज्यादा लोगों को ठगेगा उसे उतना ज्यादा ही इंसेंविट दिया जाएगा। आरोपी फोन कर बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने की बात कहते थे। पहले रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 2200 रुपये ले लेते थे। इसके बाद ड्रेस फीस व नियुक्ति पत्र देने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ लेते थे।
सोशल मीडिया से लेते थे डाटा
आरोपी बेरोजगारों का डाटा सोशल मीडिया से लेते थे। इन्होंने सोशल मीडिया पर कई साइटों पर फर्जी पेज बनाया हुआ था। इस पेज पर युवकों को विस्तारा, इंडिगो, अल्ट्राटेक और टाटा कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। आरोपी कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गोवा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के युवओं को ठक चुके हैं। हालांकि कुछ पीड़ित दिल्ली व हरियाणा के हैं।
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