
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- किसान आंदोलन में उपद्रवियों द्वारा किये गये तिरंगे के अपमान व हिंसा पर अब विपक्ष की खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है। कांग्रेस समेत 16 पार्टियों ने एक स्वर में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले 16 राजनीतिक पार्टियों की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा कि हम कल होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कृषि कानून हैं जो सदन में जबरन पास किए गए थे, वो भी बिना विपक्ष की मौजूदगी के।
वहीं आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है कि, हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
यहां यह भी देखना जरूरी है कि 26 जनवरी पर हुई हिंसा व उपद्रव से किसान आंदोलन पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। जिसके चलते न केवल किसान बल्कि देशवासी भी इस मुद्दे पर काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। लेकिन इस मामले में सबसे ज्यादा गहरा सदमा विपक्ष को लगा हैं विपक्ष जिस आंदोलन को सरकार के खिलाफ हथियार बनाकर लड़ रहा था अब वही आंदोलन खत्म हो रहा है लेकिन विपक्ष इसे जीवंत रखने के लिए फिर नई खिचड़ी पका रहा है और अब राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा है जबकि यह काम तो उसे किसान आंदोलन से पहले ही करना चाहिए था लेकिन जब तक विपक्ष भी डरा हुआ था।
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