नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली को कोरोना के कहर से बचाने के लिए प्रशासन फूंक-फूंक कर कदत रख रहा है। जिसे देखते हुए दिल्ली में 8 नये कंटेनमेंट जोन बनाये गये है। हालांकि दिल्ली में बेशक हर रोज नए-नए इलाकों को कंटेनमेंट जोन के तौर पर घोषित किया जा रहा है, लेकिन पहले से हॉटस्पॉट सील इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिलशाद गार्डन के बाद अब राजौरी गार्डन, वसुंधरा एंक्लेव और खिचड़ीपुर में संक्रमण के नए मरीज ऑपरेशन शील्ड चलाने के बाद नहीं मिले हैं।
उधर, शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने 8 नए कंटेनमेंट जोन घोषित किए हैं। इससे अब दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 68 हो गई है। इन इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित तीन या इससे ज्यादा नए मरीज मिलने के बाद इनको सील कर दिया गया है। सभी इलाकों में ऑपरेशन शील्ड के तहत छिड़काव करने के साथ लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही रोज जरूरत के सामान की डोर स्टेप पर आपूर्ति की जा रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माना है कि इसके बेहतर परिणाम आ रहे हैं। दिलशाद गार्डन कंटेनमेंट जोन के बाद वसुंधरा एंक्लेव में भी 15 दिन से कोई नया केस नहीं आया है। यही स्थिति खिचड़ीपुर की है। अभी तक यह प्रयोग सफल रहा है। वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि राजौरी गार्डन कंटेनमेंट जोन के साथ वसुंधरा एंक्लेव व खिचड़ीपुर से नए मामले नहीं आए हैं। ऑपरेशन शील्ड में स्थानीय लोग काफी सहयोग कर रहे हैं। अगर लोग सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन न करते, तो हालात संभाल पाना मुश्किल था।
शुक्रवार को सील किए गए नए इलाके
1. एल-टू, संगम विहार।
2. गली नंबर 26 व 26 बी के मकान नंबर 2056 से 2092 के बीच तुगलकाबाद एक्सटेंशन और गली नंबर 27 व 27 बी के मकान नंबर 2063 से 2083 के बीच तुगलकाबाद एक्सटेंशन।
3. सी ब्लॉक, हरी नगर
4. बी ब्लॉक, हरी नगर
5. कैंप नंबर-2, नांगलोई
6. के-2 ब्लॉक, निहाल विहार
7. सावित्री नगर, मालवीय नगर
8. मकान नंबर 716 से 785, 786 से 860, मकान नंबर 861 से 950, के ब्लॉक, जहांगीर पुरी
सर्वे के लिए ‘एसेस कोरो ना’ एप
दिल्ली सरकार ने कंटेनमेंट जोन में डोर-टू-डोर सर्वे के लिए ‘एसेस कोरो ना’ एप का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। इसके सहारे रीयल टाइम बेस पर इन इलाकों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि घर-घर जाकर मैनुअली डाटा लेना बड़ी चुनौती है, लेकिन एप के सहारे यह काम आसान हो जाएगा। इससे न सिर्फ आंकड़े जल्द मिलेंगे, बल्कि इसके आकलन के आधार पर सरकार को फैसले लेने में भी मदद मिलेगी।
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