
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- 3 मई को 1993 के बाद से हर साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1993 में 3 मई को प्रेस की स्वतंत्रता पर चर्चा करने के लिए तय किया था। ताकि प्रेस की आजादी के बारे में तीन मई को हर वर्ष पूरी दुनिया में मंथन हो। नजफगढ़ में भी तीन मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया गया जिसमें सभी प्रत्रकारों ने सरकार से इस संकट की घड़ी में देश सेवा में जुटे सभी पत्रकारों की सुरक्षा के प्रंबध करने की अपील की गई।
इस अवसर पर अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने कहा कि सारा देश पत्रकारों से निर्भीकता एवं ईमानदारी के साथ जिम्मेदारियों का निर्वाह करने की अपेक्षा रखता हैं तथा सभी पत्रकारों की लेखनी न्याय के लिए चलनी चाहिए। उन्होने कहा कि जिन लोगों की जिम्मेदारी दूसरों के कामकाज की निगरानी, टीका-टिप्पणी और आंकलन की होती है उनकी जवाबदेही कहीं और ज्यादा हो जाती है। पत्रकारों की गलतियों और उनके अपराधों की गंभीरता कम है। चूंकि पत्रकार भी समाज का ही हिस्सा हैं। समाज में भ्रष्टाचार, बेईमानी और सत्ता के दुरुपयोग की जितनी बीमारियां हैं, उनसे पत्रकारों के बचे रहने की उम्मीद करना नासमझी है। मीडिया की ताकत को बनाए रखना हमारे अपने हाथ में है और विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी साथियों को बधाई देने के साथ ही पत्रकारिता के मूल्यों के संरक्षण का हम सब मिलकर आह्वान करते है। इस अवसर पर भावना शर्मा ने कहा वैसे तो मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाता है।किन्तु चिंता का विषय यह है कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता इंडेक्स में कुल 180 देशों में भारत 2020 में 142 स्थान पर फिसला जो कि 2014 में 133 वा स्थान पर था। हम सबका 2021 में पुनः स्वतंत्रता हासिल करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इस अवसर पर पत्रकार सुरेश त्रेहन, सुनील कुमार, जी आर भास्कर, रणबीर शौकीन, मनोजीत सिंह, भावना शर्मा, सुषमा यादव, बबीता सैनी, मुकेश भोगल, मदन मोहन तंवर, विजय त्यागी व बिरंची सिंह ने अपने विचार सोशल मीडिया पर शेयर किये और इस दिवस की मुबारकवाद दी।
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