नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले रविवार को मन की बात की और फिर मंगलवार को देश के नाम संबोधन में करीब 16 मिनट में लाॅक डाउन से अनलाॅक डाउन व चीन तक की बात की। उन्होने छटी बार देष के नाम अपने संबोधन में लाॅक डाउन के दौरान आरंभ की गई गरीबों के लिए राशन वितरण की गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने के फैसले का भी ऐलान करते हुए कहा कि हमने लाॅकडाउन से लेकर अब तक गरीबों का पूरा ध्यान रखा है और सरकार की यही मंषा रही है कि किसी भी गरीब का चुल्हा न बुझे और उसे दो वक्त की रोटी जरूर मिले। साथ ही उन्होने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अनलॉक-2 के दौरान देश में कोरोना की स्थिति पर भी बात की। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ती लापरवाही पर बात करते हुए ऐसा करने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर कृषि सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है। अन्य सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। त्योहारों का ये समय जरूरतें भी बढ़ाता है और खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा, बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इस दौरान नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसके साथ ही देश में एक देश एक राशन कार्ड की व्यवस्था पर भी काम किया जा रहा है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए अपना गांव छोड़ कर कहीं अन्य जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक तरह से गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को और यूरोपीय यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है। उन्होंने कहा, कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को तीन महीने का राशन, यानी परिवार के हर सदस्य को पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा, देश हो या व्यक्ति, समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से, किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले। केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों, सिविल सोसायटी के लोग हों, सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए। उन्होंने कहा कि अगर इस संकट काल के दौरान हम गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध करा पाए हैं तो इसके लिए देश का अन्नदाता किसान और ईमानदार करदाता है।
देश में लॉकडाउन का दौर समाप्त होने के बाद बढ़ती लापरवाही को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, जब से देश में अनलॉक-1 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढ़ती ही चली जा रही है। पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे। हमें उसी सतर्कता के साथ रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कोरोना को लेकर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर कंटेनमेंट जोन में हमें बहुत ध्यान देना होगा। जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक देश के पीएम पर 13 हजार का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहने बिना गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह करोड़ों भारतीयों की रक्षा करने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है। समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है।
यह संबोधन ऐसे समय भी हो रहा है जब देश कोविड-19 महामारी के रोज बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन में ढील के ‘अनलॉक-2’ में प्रवेश करने जा रहा है जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार रात दिशा-निर्देश जारी किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जहां कोरोना वायरस को लेकर स्थितियों पर और नियमों के पालन की बात कही। हालांकि माना जा रहा था कि सोमवार की रात चीन के कई एप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद पीएम मोदी अपने संबोधन में भी कुछ एलान करेंगे। लेकिन चीन को लेकर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। पीएम मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था जब उन्होंने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी। रविवार को प्रसारित हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ने लद्दाख में अपनी भूमि पर बुरी नजर डालने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
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