• DENTOTO
  • मोदी सरकार किसी भी सूरत में नही पहुँचाएगी किसानों को नुकसान- राव इंद्रजीत सिंह

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 9, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    मोदी सरकार किसी भी सूरत में नही पहुँचाएगी किसानों को नुकसान- राव इंद्रजीत सिंह

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुरूग्राम/नई दिल्ली/प्रदीप यादव/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- किसानों के लिए केंद्रीय बजट 8.5 प्रतिशत से बढाकर 38.8 प्रतिशत करने वाली केंद्र की मोदी सरकार किसी भी सूरत में किसान को नुकसान पहुंचाने का कार्य नहीं कर सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों से वादा है कि सन् 2022 तक किसान की आय दोगुनी करनी है और इसी दिशा में ये तीन कृषि विधेयक लाए गए हैं।
    यह बात केंद्रीय सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज गुरूग्राम के स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हाॅल में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान गुड़गांव के विधायक सुधीर सिंगला तथा भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ भी उनके साथ थी।
    हाल ही में पारित किए गए तीन कृषि विधेयकों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वे देश में आंकड़े प्रकाशित करने वाले विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की कृषि आधारित घरों की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार न्युनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ केवल 6 प्रतिशत लोगों को ही मिला है। उन्होंने कहा कि उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो किसान परिवार से थे और उनका मुख्यमंत्रित्व काल हालांकि छोटा रहा लेकिन उन 9 महीनों में किसान की उपज के भाव तीन गुणा मिलने लगे थे। इसी वजह से उस समय एक नारा लोगों ने दिया था कि ‘राव आया तो भाव आया, राव गया तो भाव गया‘। उन्होंने बताया कि किसान को ज्यादा भाव उस समय इसी वजह से मिले थे कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसान को प्रदेश से बाहर अपनी उपज बेचने की अनुमति दे दी थी। उस समय राव बीरेंद्र सिंह ने विशाल हरियाणा पार्टी बनाई थी और सरकार में भारतीय जनता पार्टी भी हिस्सेदार थी। उन्होंने कहा कि किसान का बेटा होने के नाते वे यह कह रहे हैं कि नरेंद्र भाई मोदी की सरकार किसी भी तरह से किसान का अहित नहीं कर सकती। उन्होंने विभिन्न राज्यों में लिए जाने वाले मण्डी टैक्स के आंकड़े देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के पैतृक राज्य गुजरात में किसान की उपज पर सबसे कम टैक्स लगता है।
    उन्होंने कहा कि कांगे्रस सहित सभी विपक्षी दल इन तीनों कृषि विधेयकों का केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं जबकि कांगे्रस ने तो अपने 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में यह ऐलान कर दिया था कि यदि कांगे्रस सत्ता में आई तो कृषि उत्पाद मार्केट कमेटी को खत्म कर देगी। आज जब मोदी सरकार ने उसको खत्म करने की पहल की है तो वे इसका विरोध कर रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने यह भी कहा कि वे लगभग 38 से 40 साल कांगे्रस में रहे और अब भाजपा में हैं। सन् 2013 में कांगे्रस की नाकामियों की वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी थी। इस नाते उन्हें दोनांे पार्टियों का अनुभव है और अपने अनुभव के आधार पर वे यह कह रहे हैं कि कृषि विधेयक किसानों के फायदे के लिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांगे्रस के झूठ का पर्दाफास तब होगा जब दोनों व्यवस्थाएं-एमएसपी तथा काॅन्टेªक्ट फार्मिंग सामानांतर रूप से चलेंगी। विवाद होने पर भी न्यायालय में जाने की जरूरत नहीं रहेगी बल्कि एक महीने में संबंधित एसडीएम के माध्यम से फैसला होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि किसान की जमीन कभी भी गिरवी नहीं रखी जाएगी और केवल फसल के बारे में बात होगी। उन्होंने कहा कि इन विधेयको के बाद भी किसान की जमीन कभी संकट में नहीं आएगी और किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकता है।
    उन्होंने कांगे्रस का नाम लिए बगैर कहा कि स्वामी नाथन की माला जपने वालों ने 2007 में कृषि उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति बनाते समय किसान की लागत से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य निर्धारित नहीं किया जबकि वर्तमान मोदी सरकार स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर चुकी है। उन्होंने बताया कि सन् 2018-19 के दौरान मोदी सरकार ने लोकसभा में यह घोषणा कर दी थी कि हम स्वामी नाथन रिपोर्ट को लागु करेंगे और किसान के खर्च से डेढ गुणा मुनाफा लगाकर एमएसपी निर्धारित करेंगे। उन्होंने बताया कि सन् 2013-14 में कांगे्रस शासनकाल में गेहुं का एमएसपी 1400 रूपए प्रति क्विंटल था जो अब 1975 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गेहूं की अभी बिजाई भी नहीं हुई है उससे पहले ही सरकार ने एमएसपी घोषित कर दिया है और यह लागत से 106 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार धान की खरीद भी 1868 रूप्ए प्रति क्विंटल के भाव पर की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि देश आजाद होने के बाद एमएसपी पहली बार इतनी जल्दी घोषित किया गया है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox