नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- दिल्ली नगर निगम (MCD) के शिक्षा विभाग में उपयोग किए जा रहे EduLife पोर्टल को लेकर कई गंभीर प्रश्न सामने आए हैं। शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष अमित खरखड़ी ने इस पोर्टल में पाई गई अनियमितताओं और संभावित डेटा सुरक्षा जोखिमों को लेकर निगम की महापौर, आयुक्त और निदेशक को पत्र लिखकर विस्तृत जांच की मांग की है।
पोर्टल बिना आधिकारिक स्वीकृति के संचालित -ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
ऑडिट रिपोर्ट 2023–24 के अनुसार EduLife पोर्टल एक निजी संस्था Mithhoo Enterprises द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस पोर्टल के संचालन के लिए निगम की ओर से कोई औपचारिक स्वीकृति या अनुमोदन नहीं दिया गया।
यह तथ्य निगम के प्रशासनिक ढांचे और प्रक्रियाओं पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
संवेदनशील डेटा निजी सर्वर पर – सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पोर्टल पर आधार संख्या बैंक संबंधी जानकारी पहचान से जुड़े दस्तावेज़ जैसे अत्यंत संवेदनशील विवरण अपलोड किए जा रहे हैं। ये सभी डेटा एक निजी सर्वर पर संग्रहीत हो रहे हैं, जिससे डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा होती हैं।
EDUDEL जैसी सुविधाएँ, लेकिन सरकारी पोर्टल को दरकिनार क्यों?
अमित खरखड़ी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि EduLife पोर्टल की कई सुविधाएँ दिल्ली सरकार के EDUDEL पोर्टल से मिलती-जुलती हैं, जो कई वर्षों से सुरक्षित रूप से संचालित हो रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक स्थापित और मान्य सरकारी पोर्टल पहले से मौजूद है, तो शिक्षा विभाग ने एक निजी पोर्टल को प्राथमिकता देने का निर्णय क्यों लिया।
निगम के लोगो का उपयोग, कानूनी और प्रशासनिक अनुपालन पर सवाल
खरखड़ी ने चिंता जताई कि EduLife पोर्टल पर MCD के आधिकारिक लोगो का उपयोग किया गया है। यह उपयोग बिना अनुमति हुआ है, जो नियमों के अनुसार अनुचित है और संबंधित पक्षों पर कानूनी कार्रवाई का आधार बन सकता है।
वित्तीय स्रोत स्पष्ट नहीं , पोर्टल संचालन पर गंभीर प्रश्न
पोर्टल पर हजारों शिक्षकों और लगभग 7–8 लाख विद्यार्थियों का डेटा प्रबंधन किया जा रहा है। इसके लिए बड़े स्तर पर तकनीकी और वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है।
खरखड़ी ने पूछा कि जब निगम ने बजट स्वीकृत नहीं किया, तो यह पोर्टल संचालित कैसे हो रहा है और इसके लिए धन कहाँ से आ रहा है?
यह पहलू मामले को प्रशासनिक के साथ-साथ वित्तीय संदिग्धता की श्रेणी में भी रखता है।
सर्कुलरों में उलझन, पोर्टल बदलने की प्रक्रिया अचानक रोकी क्यों गई?
20 फरवरी 2025 को जारी सर्कुलर के अनुसार मिड-डे मील (MDM) का डेटा EDUDEL पोर्टल पर ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन 28 फरवरी को यह प्रक्रिया रोक दी गई।
खरखड़ी ने प्रश्न किया कि इस बदलाव के पीछे क्या कारण थे और क्या यह EduLife पोर्टल को स्थापित करने का प्रयास था।
विजिलेंस की निगरानी में जांच की मांग, 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश
खरखड़ी ने मांग की है कि विजिलेंस की निगरानी में एक समर्पित जांच समिति बनाई जाए।
समिति को यह स्पष्ट करना चाहिए—
किन अधिकारियों की भूमिका इस पोर्टल को बढ़ावा देने में रही
बिना अनुमति और बजट के पोर्टल कैसे संचालित हुआ
डेटा को तुरंत सुरक्षित सरकारी सिस्टम में कैसे स्थानांतरित किया जाए
उन्होंने यह भी कहा कि EduLife पर मौजूद सभी डेटा को निजी सर्वर से हटाकर शिक्षा विभाग की कस्टडी में लिया जाए।
भविष्य में सुरक्षित सरकारी डिजिटल सिस्टम विकसित करने का सुझाव
अंत में, खरखड़ी ने सुझाव दिया कि शिक्षा विभाग के सभी डिजिटल कार्यों के लिए MCD को अपना सुरक्षित और स्वामित्व वाला डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित करना चाहिए, ताकि डेटा सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और निजी संस्थाओं पर निर्भरता समाप्त हो।


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