नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश के बाद गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग के कुल 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। यह आदेश 2017 में उपराज्यपाल को सौंपी गई एक जांच रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद जारी किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीडब्ल्यू की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कथित तौर पर वित्त विभाग और उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना इन कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। आदेश में कहा गया कि डीसीडब्ल्यू अधिनियम के तहत केवल 40 पद स्वीकृत थे और अतिरिक्त सदस्यों की नियुक्ति के लिए कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। आदेश में कहा गया है कि डीसीडब्ल्यू के पास उन्हें संविदा कर्मचारियों के रूप में नियुक्त करने की शक्ति नहीं थी।
स्वाति मालीवाल पर लगे ये आरोप
स्वाति मालीवाल ने 5 जनवरी, 2024 को दिल्ली महिला आयोग के पद से इस्तीफा दिया था। उसके बाद उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली से राज्यसभा सीट के लिए नोमिनेट किया था। उपराज्यपाल ने जिन 223 कर्मतारियों को पद से हटाने का आदेश दिया है, उन्हें स्वाति मालीवाल के कार्यकाल के दौरान रखा गया था। स्वाति मालीवाल पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर कर्मचारियों की भर्ती की थी।
More Stories
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ा एक अहम किस्सा
दिल्ली में पूर्वांचलियों के नाम काटने की बीजेपी की साजिश का आरोप, केजरीवाल ने उठाए सवाल
कुमाऊं विश्वविद्यालय में हाईटेक नकल, परीक्षा में ChatGPT से नकल करते पकड़ा गया छात्र
रामनगर पुलिस ने एंबुलेंस में नशे का कारोबार कर रहे दो तस्करों को 58 किलो गांजे के साथ किया गिरफ्तार
गुनीत मोंगा की फिल्म ‘अनुजा’ को ऑस्कर 2025 के लिए लाइव-एक्शन शॉर्ट फिल्म श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किया गया
विश्व ध्यान दिवस पर आरजेएस ने प्रवासी माह में काकोरी के शहीदों को श्रद्धांजलि दी