
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 33वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस बीच कई दौर की वार्ता के बाद अब मंगलवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार की होने वाली बैठक अब बुधवार को होगी। इससे पहले किसान संगठनों ने रविवाल को ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं हरियाणा के सभी टोल फ्री करेंगे। वहीं पंजाब में किसानों ने 1411 मोबाइल टावरों के कनेक्शन भी काट दिए। आज भी किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की कई सीमाएं और रास्ते बंद रहेंगे। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 33वां दिन है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी किसानों का हौंसला नहीं डिगा है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के दौरान थाली बजाने वाले किसानों का कहना है कि हम अपना आंदोलन तब तक नहीं खत्म करेंगे जब तक तीनों कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता और एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती।
पंजाबी गायिका रूपिंदर हांडा पहुंची यूपी गेट
पंजाबी गायिका रूपिंदर हांडा ने यूपी गेट पर किसान आंदोलन में पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया। रूपिंदर ने गाने गाकर किसानों में उत्साह भरा।
बुधवार को होगी किसान नेताओं और किसानों की सातवें दौर की बैठक
मंगलवार यानी 29 दिसंबर को होने वाली किसान नेताओं और सरकार की बैठक अब 30 दिसंबर दोपहर दो बजे होगी। यह उनकी सातवीं बैठक होगी। गौरतलब है कि मंगलवार को बैठक का प्रस्ताव किसानों ने दिया था लेकिन सरकार ने इसे एक दिन के लिए बढ़ाकर 30 दिसंबर के लिए तय किया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार बैठक के लिए अतिरिक्त समय इसलिए चाहती है ताकि वह कुछ ठोस मसौदा तैयार कर सके जो किसानों के सामने पेश किया जाएगा।
25 किसान संगठनों ने कृषि मंत्री
करीब 25 किसान संगठनों ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की और कृषि कानूनों के समर्थन में उन्हें पत्र सौंपा।
आंदोलन में शामिल वकील ने जहर खाकर दी जान
हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के वकील ने जहर खाकर जान दे दी थी। उनकी मौत की खबर से पंजाब के जलालाबाद में शोक की लहर दौड़ गई। वकील अमरजीत के घर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया।
ये कानून किसानों को आजादी देने वाले हैंः केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी ने किसानों के साथ होने वाली वार्ता के लिए कहा, हम आशावान हैं कि कल की बैठक में सफलता मिलेगी और हम एक समाधान तक पहुंच सकेंगे। अगर वो किसान के चश्मे से देखेंगे तो सफल परिणाम आएगा लेकिन राजनीतिक चश्मे से सफलता शायद न मिल सके। ये कानून किसान को आजादी देने वाले हैं।
बुराड़ी में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने निरंकारी समागम मैदान का नाम बदलकर किसानपुरा रख दिया है। यहां प्रदर्शन कर रहे एक किसान का कहना है कि हम 33 दिन से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं, यह हमारे गांव की तरह हो गया है इसलिए हमने इसका नाम किसानपुरा रख दिया।
अन्ना हजारे ने केंद्र के किसानों की मांग पूरी ना करने पर ‘अंतिम प्रदर्शन’ की धमकी दी
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने उनकी किसानों के संबंध में की गई मांगों के केंद्र द्वारा जनवरी अंत तक स्वीकार ना किए जाने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना हजारे ने पत्रकारों से कहा कि वह किसानों के लिए पिछले तीन साल से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सिंघु बॉर्डर पर खुला मॉल किसानों के लिए सबकुछ है फ्री
सिंघु बॉर्डर पर किसान मॉल के नाम से कुछ लोगों ने प्रदर्शनकारी किसानों के लिए दुकान खोली है। यहां पर किसानों को हर तरह का सामान फ्री में दिया जा रहा है। जिस संस्था ने इसे शुरू किया है उनका कहना है कि यहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके वालेंटियर किसानों के बीच जाकर एक दिन पहले उन्हें टोकन बांटते हैं। फिर वही किसान टोकन लेकर अगले दिन सामान खरीदने आते हैं। इससे किसी बाहरी का इस मॉल में प्रवेेश संभव नहीं हो पाता।
चिल्ला बॉर्डरः 26 जनवरी की परेड के लिए किसानों ने की रिहर्सल
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने आज सूर्य प्रणाम और योगाभ्यास के साथ ही गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की परेड के लिए रिहर्सल की।
शव यात्रा निकालकर किसानों ने जताया रोष
किसान आंदोलन के 33वें दिन यूपी गेट पर किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में शवयात्रा निकालकर गुस्सा जाहिर किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसानों से उनके द्वारा बनाया गया सांकेतिक शव छीन लिया। इस दौरान किसान और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई।
किसानों के लिए जैसे शब्द इस्तेमाल कर रही सरकार वो पाप हैः प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा, जिस तरह के शब्द सरकार किसानों के लिए इस्तेमाल कर रही है वह पाप है। सरकार किसानों के प्रति उत्तरदायी है। सरकार को उनकी सुननी चाहिए और ये कानून वापस लेना चाहिए।
निरंकारी समागम मैदान में डटे हैं प्रदर्शनकारी
दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
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