नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी टोल प्लाजा पर फास्ट टैग अनिवार्य कर दिया था जिसकी अवधि आज खत्म हो रही है। 15 फरवरी से नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्गों) पर टोल प्लाजा की सभी लेन को फीस प्लाजा का फास्टैग लेन घोषित कर दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक अब देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी लेन फास्टैग लेन हैं। जिसके बाद अब वाहनों पर फास्ट टैग लगाना अनिवार्य हो गया है। हालांकि अभी भी आप टोल प्लाजा पर टोल फीस का कैश में भुगतान कर सकते है लेकिन इसके लिए आपकों दोगुना शुल्क देना होगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के दौरान निर्धारित टोल फीस की दोगुनी रकम के भुगतान से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपनी गाड़ी पर फास्टैग तुरंत लगवा लें। इतना ही नहीं वाहन चालक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके फास्टैग में पर्याप्त राशि के साथ रिचार्ज भी किया गया हो।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, ष्एनएच शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है, या जो बिना वैध, या ठीक से काम करने वाले फास्टैग के साथ फीस प्लाजा के फास्टैग लेन में घुस जाता है, तो उसे उस श्रेणी के लिए लागू शुल्क के दोगुना के बराबर शुल्क का भुगतान करेगा। मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से मोटर वाहनों के एम एंड एम श्रेणियों में फास्टैग को लगाने का आदेश दिया था। अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा है और आप फास्टटैग खरीदना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है। देश के ज्यादातर टोल प्लाजा के बगल में बनाए गए बूथों में फास्टैग मिल जाएगा। इसके अलावा त्थ्प्क् (आरएफआईडी) स्टिकर को किसी भी अधिकृत बैंक और ई-पेमेंट पोर्टल के जरिए भी खरीदा जा सकता है।
फास्टैग उन कई तरीकों में से एक है, जिसके जरिए सरकार देश में डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहती है। फास्टैग टोल प्लाजा पर वाहनों की लगने वाली लंबी लाइन को छोटा करके समय, ईंधन और पैसा बचाने का वादा करती है। जब भी कोई वाहन टोल प्लाजा को पार करने के दौरान बूम बैरियर के पास पहुंचता है तो वाहन के विंडस्क्री पर लगे आरएफआईडी स्टिकर को स्कैन किया जाता है। जिसके बाद आपके फास्टैग एकाउंट से पैसे ऑटोमैटिक तरीके से कट जाते हैं और बूम बैरियर अपने आप खुल जाता है।
वर्तमान में प्रत्येक टोल प्लाजा पर दोनों दिशा में एक-एक हाईब्रिड लेन है। यानी, उस लेन में फास्टैग के अलावा नकद भी भुगतान किया जा सकता है। फास्टैग लेन में बिना फास्टैग के आने पर दोगुना टैक्स लिए जाने का प्रावधान है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल 90 फीसदी तक टोल टैक्स फास्टैग के माध्यम से ही आ रहा है। हालांकि, राजमार्गों पर नियमित रूप से न चलने वाले लोग अभी भी नकद भुगतान कर रहे हैं। इन्हें भी जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
-फास्ट टैग नही तो टोल प्लाजा पर देनी होगी दोगुनी फीस देने से कैसे बचें
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