
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली सरकार ने कोरोना को लेकर एक नई योजना बनाई है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि अब दिल्ली में वार्ड के हिसाब से कोरोना जोन बनाये जा सकते है। हालांकि दिल्ली सरकार इस योजना पर मंथन कर रही है लेकिन फिर भी सारा दारोमदार केंद्र सरकार पर भी निर्भर करता है। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित किये जाने से रोका जा सके। इस संबंध में सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित करना मुश्किल है लेकिन सरकार जल्द ही अपनी नई योजना पर काम करते हुए वार्ड स्तर पर जोनो का निर्धारण करेगी। जबकि बीजेपी नेताओं ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
यहां बता दें कि ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि दिल्ली सरकार दिल्ली को कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर काफी संवेदनशील दिखाई दे रही है। जिस तरह से दिल्ली में रोजाना कोरोना पाॅजिटिव के मामले बढ़ रहे उससे सरकार की चिंता काफी बढ़ गई है फिर भी सरकार का मानना है कि पूरी दिल्ली को व्यवहारिक रूप में रेड जोन घोषित करना बहुत ही मुश्किल काम है। जिसके लिए सरकार ने एक नई योजना बनाई है जिसके तहत अब वार्ड वाईज प्रशासन कोरोना की रिपोर्ट तैयार करेगा। वैसे भी अभी कंटेंमेंट जोन बनाकर कोरोना के खिलाफ लड़ा जा रही है। ठीक उसी तरह वार्ड वाईज कोरोना के जोन बनाये जायेंगे जिसमें सभी वार्डों को ग्रीन, आरेंज व रेड में बांटा जायेगा। दिल्ली सरकार का मानना है कि इस योजना से एक तो पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित करने से बचा जा सकेगा। दूसरा वार्डों के हिसाब से जोन बनाकर कोरोंना के खिलाफ लड़ाई को भी मजबूती मिलेगी और एक छोटे एरिया में अधिकारी भी अच्छी तरह ध्यान रख सकेंगे। हालांकि नजफगढ़ से बीजेपी नेता कृष्ण कुमार व अनिल डागर ने इस योजना पर उंगली उठाते हुए कहा कि इस महामारी में भी दिल्ली सरकार को राजनीति सूझ रही है। उन्होने कहा कि सरकार कोरोना के प्रति सजगता दिखाये और लोगों को पूरी सुविधा प्रदान करे। सरकार राशन वितरण का काम तो संभाल नही पा रही है तो कैसे माना जाये की इस संकट में राजनीति छोड़ सरकार सब ठीक कर देगी।
हालांकि दिल्ली में ठेकों पर शराब की बिक्री को लेकर भी अफवाहे जारी है लेकिन अभी इस पर फैसला होना बाकि है। संभावना यही बन रही है कि अभी 14 दिन और इस पर रोक जारी रखी जाये। क्योंकि जिस तरह से लोग राशन लेने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कर रहे है उससे भी बुरा हाल शराब के लिए हो सकता है जिसे देखते हुए सरकार यह जोखिम नही उठाना चाहेगी।
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