नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत और चीन सीमा पर विवाद को लेकर पिछले एक साल से बैठकों का आयोजन कर रहे है ताकि सीमा पर शांति बनाई जा सके लेकिन कई दौर की बातचीत के बाद भी एक बार फिर से भारत और चीन के जवानों के बीच सिक्किम के नाथू ला में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प की खबर सामने आई है। हालांकि सीमा पर तैनात भारतीय सेना के चैकस जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चीनी घुसपैठ को नाकाम कर दिया लेकिन इस झड़प में जहां 4 भारतीय सैनिक घायल हुए है वहीं चीनी सेना के भी 20 सैनिक घायल हुए है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय लेवल पर विवाद सुलझा लिया गया है।
सेना के आधिकारिक बयान के मुताबिक 5 दिन पहले 20 जनवरी को सैनिकों के बीच मामूली झड़प हुई थी जिसे दोनों देशों के कमांडर्स के बीच स्थानीय लेवल पर ही सुलझा लिया गया. नाथुला सेक्टर में यह वही जगह है जहां पिछले मई महीने में 9 तारीख को दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इस बीच नाथुला झड़प को लेकर ग्लोबल टाइम्स की ओर से कहा गया है कि कोई झड़प हुई ही नहीं है। उसका कहना है चीनी सैनिकों के घायल होने की बात भी गलत है।
एक दिन पहले ही भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की 17 घंटे की मैराथन बैठक हुई थी। ये बैठक कल सुबह 9.30 बजे शुरू होकर देर रात 2.30 बजे खत्म हुई। चीन के कहने पर ये बैठक बुलाई गई थी. भारत सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन बातचीत कर रहे थे. चीन के बीएमपी हट मोल्डो में हुई इस बैठक में क्या कुछ निकला है ये अभी साफ नहीं है. लेकिन इस बैठक में सीमा पर तनाव घटाने और सैनिकों की वापसी पर चर्चा निर्धारित थी.।
भारत-चीन के बीच 2020 में कब-कब हुई झड़प
इससे पहले 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन ने अपने सैनिकों के हताहत होने का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था। चीन की सेना ने 14 जून को एलएसी पर दोबारा कैम्प बनाया था। इस पर आपत्ति जताने के लिए कर्नल संतोष बाबू 40 जवानों के साथ दुश्मन सेना के कैम्प में गए थे। शहीद जवानों में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू सहित 12 जवान 16 बिहार रेजिमेंट से थे। इसके बाद 29-30 अगस्त 2020 को पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण में भारत और चीन के बीच फिर झड़प हुई। 31 अगस्त को मामले को सुलझाने के लिए चुसुल में बातचीत हुई. ये फिंगर एरिया (पैंगोंग त्सो) लेक के दूसरी तरफ हुई है। ये पहली बार ऐसी हुआ है कि इस इलाके में झड़प हुई है। भारतीय सेना ने चीन का करारा जवाब दिया. खैर झड़प में कोई भी भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुई।
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