
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश विदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- वुहान में कोरोना संक्रमण को लेकर चीन का एक और झूठ का पर्दाफाश हुआ है। यह खुलासा वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। अपनी जांच में उन्होने बताया कि जिस समय विश्व में कोरोना महामारी की शुरूआत हुई उस समय वुहान में करीब 800 से 2 हजार लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। जबकि चीन देश में मात्र 700 लोगों के मरने की पुष्टि कर रहा है। शोध के अनुसार 24 मार्च तक वुहान में 36 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी।
शोध के मुताबिक वुहान में मौतों का असल आंकड़ा 14 गुना से अधिक है। वुहान के 86 श्मशानों के अध्ययन में पता चला कि संक्रमण के दौरान 23 मार्च तक ये लगातार 24 घंटे काम करते रहे। 24 मार्च तक चीन का आंकड़ा तब सिर्फ 2,524 था। इसके मुताबिक, 4,634 की मौत हुई है। वैज्ञानिकों ने कहा, मार्च अंत तक एक दाहसंस्कार स्थल ने पांच हजार अस्थि कलश खरीदे जो 2524 मौतों के आंकड़ों से दोगुना था। इतनी बड़ी संख्या में कलश की खरीदारी चीन की नीयत पर सवाल खड़ा करती है। शोध का आंकड़ा ऊपर नीचे हो सकता है लेकिन सरकारी आंकड़ा सही बिलकुल नहीं हो सकता। जिससे लगता है कि वुहान मामले में चीन सफेद झूठ बोल रहा है और विश्व को अभी भी गुमराह कर रहा है जबकि सच्चाई क्या है यह सबके सामने आ चुकी है।
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