• DENTOTO
  • केंद्र ने दी 48000 झुग्गीवासियों को बड़ी राहत, एससी से कहा फिलहाल नही हटाएंगे

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 14, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    केंद्र ने दी 48000 झुग्गीवासियों को बड़ी राहत, एससी से कहा फिलहाल नही हटाएंगे

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनीं झुग्गियों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा। यह जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय को दी। सरकार ने अदालत में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर चार हफ्तों में इस मामले का हल निकालेंगे, तब तक झुग्गियों को नहीं ढहाया जाएगा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया।
    सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने अदालत से कहा, केंद्र को दिल्ली में रेल की पटरियों के पास से 48,000 झुग्गियों को हटाने पर अभी फैसला करना है। किसी को भी नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि फैसला रेलवे, दिल्ली सरकार और शहरी विकास मंत्रालय के सलाह मशविरे से होगा। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने केंद्र के आश्वासन को रिकॉर्ड किया और चार हफ्तों तक झुग्गी वासियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया।

    हर झुग्गी में है बिजली का कनेक्शन
    एक अनुमान के अनुसार, नारायणा विहार, आजादपुर शकूर बस्ती, मायापुरी, श्रीनिवासपुरी, आनंद पर्बत और ओखला में मौजूद झुग्गियों में लगभग 2,40,000 लोग रहते हैं। इस सिलसिले में उत्तर रेलवे ने सर्वोच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि रेल पटरियों के किनारे बनीं झुग्गियां पटरियों को साफ सुथरा रखने में बाधक हैं। हालांकि दिलचस्प बात ये है कि हर झुग्गी में बिजली का कनेक्शन है। यहां रहने वालों के पास आधार और राशन कार्ड भी है।
    बता दें कि इससे पहले मामले पर तीन सितंबर को सुनवाई हुई थी। तब अदालत ने दिल्ली में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे बनीं 48,000 झुग्गी बस्तियों को तीन माह के भीतर हटाने का निर्देश दिया था। पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि इस कदम के क्रियान्वयन में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox