
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- बरोदा का उपचुनाव कुछ आगे सरकने से राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां जरूर मंद पड़ गई है लेकिन भारतीय जनता पार्टी अभी भी इलाके में राजनीतिक हलचल पर नजर रखे हुए हैं परंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रचार में हलके के गांव रेवाड़ा के दिल्ली पुलिस के एसीपी राजबीर मलिक जनसंपर्क की अपनी योजना पर पहले की तरह काम कर रहे हैं। श्री मलिक कोरोना संक्रमण से क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने में जुटे है जबकि संक्रमण के चलते नेताओं की निष्क्रियता के बावजूद लोगों के बीच जाकर अपनी भी और भाजपा की भी चर्चा करने में लगे हुए हैं। अब हलके के हर गांव में असरदार नजर आने लगे हैं। आज वो लोगों की उन समस्याओं पर भी काम कर रहे है जिनका विपक्ष के पास कोई जवाब नही है जबकि उनके कामों से भाजपा को काफी प्रशंसा मिल रही है। और पार्टी की क्षेत्र में साख बढ़ी है।
एक तो अभी तक भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह इस बार जाट और स्थानीय व्यक्ति को टिकट देना चाहती है। हल्के में जाटों का बड़ा गोत्र मलिक है। पार्टी ऐसे व्यक्ति को आगे लाना चाहती है जो सबसे कम पर विवादास्पद हो आपसी खींचतान से दूर हो, जाट होते हुए भी गैरजाट मतदाताओं में स्वीकार्य हो, प्रबंधन और प्रशासनिक समझ रखता हो और उसकी विचारधारा पार्टी की विचारधारा से मेल खाती हो इन सब अपेक्षाओं पर राजवीर मलिक खरे उतरते नजर आ रहे हैं। हम पहले ही बता चुके हैं कि वे हलके के गांव रेवाड़ा से संबंधित है मलिक प्रशासनिक ज्ञान रखते हैं ज्यादा लोगों को स्वीकार्य हो सकते हैं वे समाज सेवा में पहले से संलग्न है और सामाजिक ही नहीं बल्कि 36 बिरादरी की बात करने की बात करने वाले युवाओं के प्रति विजनरी व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं । गठबंधन के दोनों दलों के टिकट के चाहने वालों की आपसी खींचतान से दूर है ।भारतीय जनता पार्टी खुद का उम्मीदवार उतारना चाहती है। श्री मलिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में तो सम्मिलित होते ही है, धीरे-धीरे सभी नेताओं संपर्क में आ गए हैं ।
कहने का अर्थ यह है कि भारतीय जनता पार्टी उनको आगे करके चुनाव जीतने की रणनीति पर काम करती है तो उसके अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं । यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी की टिकट मांगने वाले नेताओं में परस्पर जो गतिरोध देखने को मिल रहा है वह भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव में बड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में नया रास्ता निकालते हुए राजवीर मलिक के नाम पर फैसला हुआ तो समझा जाता है कि पार्टी के कई बड़े नेता और निर्णायक लोग इसे न्याय संगत फैसला कहेंगे।
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