चंडीगढ़/उमा सक्सेना/- पंजाब में लगातार भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों से छोड़े गए पानी ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। पूरे राज्य के 23 जिलों में 1400 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। करीब 4.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 37 लोगों की जान जा चुकी है। अब तक 3.5 लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। हालात की गंभीरता देखते हुए पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है और 71 करोड़ रुपये की आपात फंडिंग जारी की है।

प्रशासन अलर्ट, कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
बढ़ते संकट के बीच सरकार ने सभी विभागों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने जिला मजिस्ट्रेटों और विभाग प्रमुखों को युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए। सभी कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने राज्य के सभी सरकारी, निजी, एडेड और मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेजों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है।
तीन बड़े बांधों पर खतरे की स्थिति
बाढ़ की भयावहता की एक बड़ी वजह हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं हैं। भाखड़ा बांध के पीछे गोबिंद सागर झील का जलस्तर खतरे के निशान 1680 फीट से सिर्फ दो फीट नीचे पहुंच गया है। सुरक्षा कारणों से रोजाना 75 हजार क्यूसेक पानी फ्लड गेट्स और टर्बाइनों से छोड़ा जा रहा है। इसी तरह पौंग बांध जलाशय का स्तर भी खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। बीबीएमबी ने यहां पानी छोड़ने की मात्रा 80 हजार क्यूसेक से बढ़ाकर 1 लाख क्यूसेक करने का फैसला लिया है।

रणजीत सागर बांध के सभी गेट पहली बार खुले
पठानकोट स्थित रणजीत सागर बांध पर भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। 1988 और 1993 के बाद पहली बार इस बांध के सातों गेट खोलने पड़े हैं। बुधवार को यहां से करीब 71 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। स्थानीय कर्मचारियों के मुताबिक, बांध बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में पानी निकाला गया है।
मौतों का आंकड़ा बढ़ा, लाखों लोग प्रभावित
बाढ़ अब तक 37 लोगों की जान ले चुकी है। बुधवार को भी बरनाला जिले में एक बुजुर्ग दंपती और लुधियाना में एक युवक की मौत हो गई। प्रभावित आबादी का आंकड़ा 4.5 लाख से ज्यादा पहुंच चुका है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और हजारों परिवार सुरक्षित ठिकानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
अगले दो दिन के लिए भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पंजाब और हिमाचल में अगले दो दिन तक भारी बारिश जारी रहेगी। इससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग, पीएसपीसीएल और टेलीकॉम कंपनियों को आपातकालीन सेवाओं की बहाली में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
आपदा घोषित करने से क्या होगा फायदा
राज्य को “आपदाग्रस्त” घोषित किए जाने के बाद जिला उपायुक्तों (डीसी) को अपने स्तर पर त्वरित निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है। इससे राहत और बचाव कार्यों की गति बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मिलने की संभावना भी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बड़े पैमाने पर तैनात की जा रही हैं। किसानों को विशेष राहत और बर्बाद हुई फसलों के लिए मुआवजा देने की योजना पर भी काम शुरू हो सकता है।
नेताओं के दौरे और राजनीतिक बयान
बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को पंजाब का दौरा करेंगे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राज्य की स्थिति का जायजा लेने पहुंचेंगे। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में प्रभावित किसानों और आम जनता के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए।


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