स्नेहपूर्ण व्यवहार से ही संगठन का विस्तार संभव- गुप्त

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

स्नेहपूर्ण व्यवहार से ही संगठन का विस्तार संभव- गुप्त

नजफगढ़ मेट्रो न्यूज़/ द्वारका/ नई दिल्ली/ शिव कुमार यादव/ भावना शर्मा/- 24 मई को दिल्ली अध्यापक परिषद के सात दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रखर वक्ता एवं समाजसेवी श्री बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि स्नेह पूर्ण व्यवहार सही संगठन का विस्तार संभव है। अतः हमें अपने व्यवहार में कार्यकुशलता को बढ़ावा देना चाहिए।
18 मई से चल रहे इस ऑनलाइन कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन समारोह की शुरुआत श्रीमती इन्दू राठी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री राजेंद्र गोयल महामंत्री, दिल्ली अध्यापक परिषद, ने पिछले सात दिनों से चल रहे कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग की गतिविधियों, परेशानियों व उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समाजसेवी माननीय रोशनलाल जी, श्री जयभगवान गोयल, संरक्षक दिल्ली अध्यापक परिषद, माननीय रतनलाल जी सहित सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ बजरंग लाल गुप्त,प्रखर वक्ता एवं समाजसेवी ने संगठन के चार आयाम:-विचार, आचार, व्यवहार और विस्तार पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यकर्ता को व्यक्ति निष्ठ न होकर तत्व निष्ठ होना चाहिए। किसी भी संगठन के मूल में विचार का होना आवश्यक है। हम किसी विचार तथा ध्येय को लेकर ही काम करते हैं।हमारे संगठन की विचारधारा है- “सबका कल्याण हो”। “सर्वे भवन्तु सुखिनः” व “वसुधैव कुटुम्बकम” को ध्यान में रखकर काम करनेवाला कार्यकर्ता चाहिए। पद, स्थान, दायित्व परिवर्तनशील है। जब दुनिया कोरोना संकट की तरह विचार संकट से भी जुझ रही हो तब हमें निष्ठा, समर्पण व पारदर्शिता से अपने ध्येय की पूर्ति हेतु कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोई कितना भी समझ रखता हो, अच्छा वक्ता हो लेकिन उसका आचरण, उसका चरित्र अच्छा न हो तो संगठन व समाज में उसका प्रभाव नहीं हो सकता। कुरुक्षेत्र में निराश व भ्रमित हो गए अर्जुन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को कृष्ण की तरह मित्रवत होकर अपने साथी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए।उन्हें उनकी चुनौतियों का अहसास कराते हुए कर्म के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे व्यक्तिगत व सांगठनिक अहंकार से बचे तभी वे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ पायेंगे।
कार्यक्रम के अंत में श्री वेदप्रकाश जी, अध्यक्ष दिल्ली अध्यापक परिषद, ने इस ऑनलाइन कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग में पूरी निष्ठा व समर्पण से भाग लेने के लिए सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। श्री अवधेश पराशर, अतिरिक्त महामंत्री ,दिल्ली अध्यापक परिषद के द्वारा कल्याण मंत्र के साथ ही कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का समापन हो गया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox