नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में दिल्ली सरकार ने 10,000 बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की तैनाती को मंजूरी दी है। यह सभी वॉलंटियर्स अगले एक सप्ताह में ऑन-ड्यूटी हो जाएंगे और प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स की निगरानी, ओपन बर्निंग पर नियंत्रण, और शिकायतों के फॉलो-अप जैसी जिम्मेदारियां निभाएंगे। सोमवार से बस मार्शलों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और जल्द ही दिल्ली सरकार इन बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजेगी।
सीएम आतिशी ने भाजपा को घेरा
शनिवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए इस कदम का समर्थन करते हुए भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगले चार महीने में बस मार्शल प्रदूषण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चाहे जितना षड्यंत्र रचे, दिल्लीवासियों की समस्याओं का समाधान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में किया जाएगा। आतिशी ने यह भी कहा कि मंगलवार से बस मार्शल अपना रेजिस्ट्रेशन डीएम ऑफिस में कर सकते हैं और 2018 में दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों में मार्शल की नियुक्ति की थी, ताकि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगे और बच्चों तथा बुजुर्गों को सुरक्षित यात्रा का अवसर मिले।
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सचदेव ने दिल्ली सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अक्टूबर 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बर्खास्त किए गए बस मार्शलों के जीवन में अब रोशनी की किरण आई है। दिल्ली भाजपा के दबाव में मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवम्बर से ड्यूटी पर लगाने का आदेश करना पड़ा है।” उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल महोदय के आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 1 नवम्बर से ड्यूटी पर नहीं लगाया और यह खेदजनक है कि इन्हें बेरोजगार रखा गया। भाजपा ने मांग की है कि दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवम्बर से ड्यूटी पर तो लगाए, साथ ही उपराज्यपाल के आदेश के तहत उन्हें 1 नवम्बर से वेतन भी दिया जाए।
सरकार और भाजपा के बीच घमासान
दिल्ली सरकार और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक चल रही है। जहां दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है, वहीं भाजपा इसे राजनीति से प्रेरित कदम मानते हुए आलोचना कर रही है। इस बीच, दिल्ली की जनता प्रदूषण से बचाव के लिए जल्द से जल्द ठोस और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद लगाए बैठी है।
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनके परिणाम अगले कुछ महीनों में देखने को मिल सकते हैं। इस बीच, राजनीतिक घमासान के बावजूद, दिल्लीवासियों की उम्मीदें प्रदूषण की रोकथाम के प्रयासों से जुड़ी हुई हैं।
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