आरजेएस पीबीएच और दैनिक साईं मीडिया द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व दिवस का आयोजन

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 7, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आरजेएस पीबीएच और दैनिक साईं मीडिया द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व दिवस का आयोजन

-माता अमृता देवी को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व दिवस, 3 नवंबर 2024 को राम-जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और दैनिक साईं मीडिया के संयुक्त सहयोग से मनाया गया। इस आयोजन का उद्देश्य प्रकृति, पर्यावरण, जैव-विविधता और जल, जंगल, जमीन और पहाड़ों के संरक्षण पर जोर देना था। इस अवसर पर पर्यावरणविदों ने बायोस्फीयर रिजर्व की महत्ता को समझाते हुए इसे सतत विकास के प्रेरक स्थल बताया, जहां स्थलीय, समुद्री और तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण का कार्य होता है।

आरजेएस पीबीएच के संस्थापक एवं राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के सह-आयोजक और साईं मीडिया के संस्थापक पीतम सिंह ने मुख्य अतिथि “आहर पाइन बचाओ अभियान” के संयोजक मुनीश्वर प्रसाद सिन्हा और दिल्ली विश्वविद्यालय के फील्ड बायोलॉजिस्ट दिबानिक मुखर्जी और जैव विविधता विशेषज्ञ हरमीक सिंह का स्वागत किया।

इस कार्यक्रम में, विश्नोई समाज की बलिदानी परंपरा को सम्मान देते हुए पर्यावरणविद आरके विश्नोई ने 1730 में खेजड़ली गांव की अमृता देवी विश्नोई को श्रद्धांजलि दी, जो वन संरक्षण के लिए प्रेरणा स्रोत मानी जाती हैं। उन्होंने विश्नोई समाज के नियमों की चर्चा की जो पर्यावरण और जीव-जंतुओं की रक्षा पर आधारित हैं।

श्री सिन्हा ने इस अवसर पर प्रकृति पूजा के महत्व पर जोर दिया, जिसमें गोवर्धन पूजा, छठ पूजा जैसे पर्वों का पर्यावरण से संबंध बताते हुए जल स्रोतों के संरक्षण की बात की। उन्होंने जल संरक्षण के लिए आहर पाइन बचाओ अभियान और युवाओं को श्रमदान के माध्यम से जोड़ने की पहल की।

श्री दिबानिक मुखर्जी ने बायोस्फीयर रिजर्व को जैव विविधता हॉटस्पॉट्स का रक्षक बताया, जहां संधारणीय संसाधन उपयोग और जैव विविधता प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठाए जाते हैं। उन्होंने यमुना नदी के किनारे एक मिनी बायोस्फीयर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव रखा, जहां विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियों का अनुभव किया जा सके।

श्री हरमीक सिंह ने जैव विविधता के संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया, जिससे बीमारियों के प्रभाव को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि आनुवंशिक विविधता को बनाए रखना आवश्यक है ताकि संक्रमण के प्रभाव को पूरी आबादी पर रोका जा सके।

उदय मन्ना ने चर्चा को जैव विविधता पार्कों के विकास और सकारात्मक मीडिया के योगदान की ओर केंद्रित किया। बैठक में बायोस्फीयर रिजर्व की अवधारणा, स्वदेशी ज्ञान, संस्कृति, कार्बन उत्सर्जन में कमी, और वनों की रक्षा के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता पर विचार किया गया। जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाने की योजना पर भी चर्चा की गई।

इस आयोजन ने देशभर में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने और सभी नागरिकों को जैव विविधता संरक्षण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का संदेश दिया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox