बिहार/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- बिहार के अररिया जिले के सिकटी प्रखंड क्षेत्र में एक पुल भरभराकर नदी में समा गया। मामले में 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल का गठन हुआ है जो 7 दिनों के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। दूसरी ओर मामले पर सियासत जमकर हो रही है। बिहार के अररिया में पुल गिरने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है जिसे लेकर अब प्रशासन एक्शन में है। मामले में ग्रामीण विकास कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने एक्शन लेते हुए तत्कालीन सहायक इंजीनियर अंजनी कुमार और जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पुल से जुड़ी एजेंसी पर FIR दर्ज कराते हुए उसे ब्लैक लिस्ट करने के आदेश दिए गए। बता दें कि मामले में 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल का गठन हुआ है जो 7 दिनों के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
बिहार सरकार के मंत्रालय के अंदर चल रहा था काम- गडकरी
दूसरी ओर मामले पर सियासत जमकर हो रही है। लालू प्रसाद यादव की बेटी और RJD नेता ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि डबल-इंजन वाली सरकार के सुशासन दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है क्योंकि निर्माण की गुणवत्ता को नजरअंदाज किया गया। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसका निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से नहीं किया जा रहा था बल्कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत इसका काम चल रहा था।
12 करोड़ की लागत से शुरू हुआ निर्माण
बता दें कि इस पुल के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल और सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने काफी मेहनत की थी। यही नहीं यह पुल जब बना तो पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण दूर हो गया, इसके बाद 12 करोड़ की लागत से नदी को किनारे तक को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन विभागीय लापरवाही व संवेदक की अनियमितता पूर्वक कार्य के कारण मंगलवार को पुल बकरा नदी के गर्भ में समा गया।
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