नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- काफी समय से उद्घाटन की बाट जोह रहे नजफगढ़ के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र में बने अस्पताल का आखिर बुधवार को उद्घाटन हो गया। एम्स के इस रेफरल अस्पताल का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया व पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि नजफगढ़ में एम्स की सुविधाएं देने के लिए बुधवार से ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी) पूरी क्षमता के साथ काम करेगा। अब तक यह केंद्र मातृ एवं शिशु केंद्र के तौर पर सेवाएं मिलने के साथ कुछ विभागों की ओपीडी ही चल रही हैं। इस अस्पताल के निर्माण व कार्य संचालन के बाद अब गंभीर परिस्थितियों में मरीजों को दूसरे अस्पतालों की तरफ नही भागना पड़ेगा।

अस्पताल का सीधा फायदा नजफगढ़ के आसपास के करीब 73 गांवों और घनी बसावट वाली कॉलोनियों में रहने वालों को मिलेगा। सुविधाएं नहीं होने से इनको राव तुला राम अस्पताल जाना पड़ता था। हालात गंभीर होने पर मरीजों को डीडीयू सहित दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है। अब इनका इलाज नजफगढ़ के अस्पताल में ही हो सकेगा।
सौ बिस्तर की क्षमता के साथ तैयार अस्पताल में 183 अतिरिक्त बिस्तरों की सुविधा देने की दिशा में काम चल रहा है। पूरी क्षमता के साथ अस्पताल के शुरू होने के बाद बाहरी दिल्ली के अलावा हरियाणा के झज्जर, बहादुरगढ़ के हजारों मरीजों को को फायदा होगा। अस्पताल के सभी बिस्तर को 100 फीसदी ऑक्सीजन से जोड़ा गया है। यहां पर विशेष तौर पर इमरजेंसी सेवाओं को विकसित किया गया है। यहां बनाए गए आपातकालीन विभाग के ऑब्जर्वेशन वार्ड को मुख्य अस्पताल के साथ कनेक्ट किया जाएगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर मरीज को एम्स या सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया जाएगा।

इन विभागों की मिलेंगी सुविधाएं
यहां गायनी, बाल रोग, मेडिसन और नेत्र विज्ञान सहित अन्य सभी सेवाएं होंगी। अस्पताल में ओपीडी की सुविधा शुरू पहले ही कर दी गई है। औपचारिक शुरुआत के बाद इन पेशेंट की सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। यहां आने वाले कॉर्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी जैसी एडवांस सुविधा के मरीजों को एम्स या सफदरजंग रेफर कर दिया जाएगा, फिलहाल यहां एडवांस सेवाएं नहीं होंगी।
लंबे इंतजार के बाद तैयार हुआ अस्पताल
नजफगढ़ के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में तैयार हुए इस अस्पताल के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। साल 2004 में केंद्र सरकार ने रेफरल यूनिट बनाने का आदेश दिया था। साल 2007 में केंद्र सरकार ने यहां 35 बेड का अस्पताल बनाने की मंजूरी दे दी, लेकिन अस्पताल का काम शुरू नहीं हुआ। 28 फरवरी 2014 में यहां केवल शिलान्यास हुआ। साल 2018 में सांसद प्रवेश वर्मा ने इसका शिलान्यास किया, लेकिन कई कारणों से फिर देरी हुई। अब अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो गया है।


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