अब घर बैठे कर सकेंगे श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश के दर्शन

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September 21, 2024

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अब घर बैठे कर सकेंगे श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश के दर्शन

-इस्कॉन द्वारका दिल्ली मंदिर की अनूठी पहल -’मेटावर्स’ तकनीक के माध्यम से हो सकेगा यह संभव, वर्चुअल रिएल्टी (वीआर) का एक नया अनुभव

द्वारका/शिव कुमार यादव/- पहली बार इस्कॉन द्वारका दिल्ली मंदिर ने डिजिटल दुनिया की नई तकनीक ‘मेटावर्स’ को लॉन्च किया है। इंटरनेट से भी आगे की दुनिया की इस अति आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब आप घर बैठे श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश के दर्शन कर सकेंगे। आप चाहे देश-दुनिया के किसी भी कोने में हों, मनचाहे दिन मंदिर की समयसारिणी के अनुसार अपनी मौजूदगी को मंदिर में पा सकेंगे। दर्शन कर सकेंगे, आरती व अभिषेक भी कर सकेंगे। इस तरह वीआर हेडसेट के माध्यम से वर्चुअल रिएलिटी का एक नया अनुभव कर पाएँगे।

इस्कॉन द्वारका के वरिष्ठ प्रबंधक श्री गौर प्रभु बताते हैं कि इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद चाहते थे कि हम भगवद्भभक्ति के प्रचार के लिए एकदम नई तकनीक का इस्तेमाल करें। इस्कॉन द्वारका के जीबीसी व बीबीटी ट्रस्टी गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के समर्थन से हमने यह नई मेटावर्स तकनीक लॉन्च की है। दरअसल यह एक अति आधुनिक तकनीक है जिसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी कर रही हैं और इस्कॉन द्वारका देश का पहला ऐसा मंदिर है जिसने अध्यात्म के क्षेत्र में भी मेटावर्स के इस्तेमाल को साबित कर दिखाया है।
          उन्होंने आगे बताया कि इस तकनीक के माध्यम से हमारे 80 से ज्यादा देशों के भक्त, जो इस्कॉन द्वारका दिल्ली से जुड़े हैं, वे घर बैठे भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए वे सबसे पहले इस्कॉन द्वारका की साइट पर जाएँ और मेटावर्स पर क्लिक करें। तत्पश्चात उसमें विकल्प (ऑप्शंस) चुनें। फिर वह खुद अपने आपको महसूस करेंगे कि मैं भगवान की परिक्रमा कर रहा हूँ। दर्शन कर रहा हूँ। दर्शन, परिक्रमा, पुस्तक केंद आदि पर जाने के अलावा वे भगवान के लिए विभिन्न सेवाएँ भी कर सकते हैं।
          वे कहते हैं कि इसके अतिरिक्त यहाँ आप उन डेढ़ लाख लोगों के नामों की सूची भी देख सकते हैं जिन्होंने मंदिर निर्माण में सहयोग किया है। इस तकनीक को लॉन्च करने में भले ही एक बड़ी लागत सामने आई हो, परंतु आईटी क्षेत्र से जुड़े विभिन्न भक्तों के सहयोग के माध्यम से यह सब संभव हो पाया है। फिलहाल इसका सीमित वर्जन लॉन्च हुआ और धीरे-धीरे इसमें अनेक विस्तृत आयामों से जुड़ने का भी अवसर मिलेगा।

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