नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पुरानी पेंशन की मांग को लेकर रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों सरकारी कर्मचारियों ने गरजते हुए अपनी ताकत का अहसास कराया। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठन इस रैली में शामिल हुए हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस ने मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद कर्मचारियों ने भारी संख्या में रैली में हिस्सा लिया।

कांग्रेस बोली – हमारी नीति साफ, मोदी पुरानी पेंशल बहाल करें
कांग्रेस ने रैली का एक वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा, पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है। कांग्रेस की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल की है। इसे लेकर हमारी नीति साफ है- कर्मचारियों को उनका हक मिलना ही चाहिए। मोदी सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे, देश की सेवा करने वाले कर्मवीरों का सम्मान करे।
देश के 5 राज्यों में लागू है पुरानी पेंशन योजना
राजस्थान
राजस्थान पुरानी पेंशन (ओपीएस) को लागू करने वाला पहला राज्य है। सीएम अशोक गहलोत ने 2023-24 में राज्य का बजट पेश करने के दौरान नई पेंशन योजना को खत्म करके पुरानी पेंशन को बहाल करने का ऐलान किया था।
छत्तीसगढ़
इसी साल जनवरी में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने बजट की घोषणा के बाद कर्मचारियों को नई और पुरानी पेंशन योजना को चुनने का विकल्प दिया। कैबिनेट ने फैसला किया था कि कर्मचारी नई पेंशन के लिए राज्य द्वारा किए गए योगदान और उस पर अर्जित लाभांश को जमा करने के बाद ओपीएस में वापस जा सकते हैं।
झारखंड
1 सितंबर 2022 को झारखंड कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मंजूरी दी। हेमंत सोरेन सरकार ने अपने राज्य में ओपीएस को लागू करने का चुनावी वादा किया था।
पंजाब
पंजाब के मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की। पंजाब सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम लाने के लिए सरकार की ओर से एक स्टडी टीम को तीन राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड) में भेजा था।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल सरकार ने 5 मई को ओल्ड पेंशन लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए राज्य सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल्स 1972 में संशोधन किया है।
2004 में बंद हुई पुरानी पेंशन योजना, लागू हुआ एनपीएस
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के तहत सरकार 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था।
हालांकि, अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का फैसला किया था। जिसके बाद साल 2004 में पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई थी।
मप्र सरकार यदि राजस्थान की गहलोत सरकार की तर्ज पर पुरानी पेंशन योजना को लागू करती है तो 12 साल तक आर्थिक बोझ नहीं आएगा, बल्कि उसे प्रदेश के 3.35 लाख कर्मचारियों के अंशदायी पेंशन के तहत हर माह 14 फीसदी की हिस्सेदारी करीब 344 करोड़ रुपए की फिलहाल बचत होगी।


More Stories
5 साल की बच्ची को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षित परिजनों से मिलाया
यात्रियों को बनाते थे निशाना, सिविल लाइंस पुलिस ने शातिर झपटमार को दबोचा
साजिश थी टक्कर ,टक्कर के बाद झगड़ा, फिर चोरी—पुलिस ने तोड़ा गैंग का नेटवर्क
भ्रष्टाचार के आरोपों पर बड़ी कार्रवाई, दो अहम पदों से अफसर बाहर
यूपी के जालौन में दिल दहला देने वाली घटना: आईफोन की जिद बनी 11वीं की छात्रा की मौत की वजह
रेहान वाड्रा की सगाई: परिवार और राजनीति से जुड़े रिश्तों का खास मौका