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    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    गंगा में मेडल बहाने के लिए हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहुंचे पहलवान,

    -भावुक हो बोले- ये हमारी आत्मा, इनके बिना जीने का मतलब नहीं, अब इंडिया गेट पर आमरण अनशन

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवान पुलिस से झड़प के बाद मंगलवार शाम 6 बजे हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। वे इसके लिए हरिद्वार पहुंच गए हैं। इनमें साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट शामिल हैं। ये पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार को पुलिस से हुई झड़प के बाद इन्हें पुलिस ने पहले जंतर-मंतर पर हिरासत में ले लिया था और बाद में छोड़ दिया था। इसके बाद पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान किया था।

                    पहलवान साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मेडल्स गंगा में प्रवाहित करने के बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे। साक्षी ने लिखा- हमने पवित्रता से इन मेडल को हासिल किया था। इन मेडल को पहनाकर तेज सफेदी वाला तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है। फिर हमारा शोषण करता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को नहीं लौटाएंगे, क्योंकि उन्होंने हमारी कोई सुध नहीं ली।
                    इस बीच, बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में महारैली बुलाई है। इसमें संत भाग लेंगे। बृजभूषण और संतों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट का फायदा उठाकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
                      दिल्ली पुलिस ने कहा- पहलवानों को इंडिया गेट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। राष्ट्रीय स्मारक प्रदर्शन स्थल नहीं है।
    हरिद्वार पुलिस ने कहा कि वे पहलवानों को मेडल बहाने से नहीं रोकेगी। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं मुजफ्फरनगर से खाप चौधरी पहलवानों को रोकने के लिए हरिद्वार के लिए निकल गए हैं। साथ ही कई कुश्ती अखाड़े भी उनके साथ हैं।
                     हरिद्वार में पहलवानों के मेडल विसर्जित करने के कार्यक्रम का गंगा सभा विरोध करेगी। गंगा सभा हरिद्वार के अध्यक्ष नितिन गौतम ने बताया कि यदि रेसलर यहां आकर मेडल विसर्जित करेंगे तो गंगा सभा उन्हें रोकेगी।

    साक्षी मलिक की पोस्ट की 5 बातें
    1. हमें अपराधी बना दिया, शोषण करने वाला ठहाके लगा रहा। क्या हमने मेडल इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे।
    2. मेडल लौटाने पर सवाल आया कि किसे लौटाएं?, राष्ट्रपति और च्ड को लौटाने पर मन नहीं माना। राष्ट्रपति कुछ नहीं बोलीं। प्रधानमंत्री ने हमें अपने घर की बेटियां बताया लेकिन एक बार भी सुध नहीं ली।
    3. यह मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर तंत्र सिर्फ अपना प्रचार और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।
    4. ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र।
    5. अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं. अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफ़ेदी वाले तंत्र के साथ।

    पहलवानों के मेडल बहाने के ऐलान के बाद 4 बड़े बयान
    1. सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा- मेडल न बहाएं, ये बृजभूषण की कृपा से नहीं मिले
    हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पहलवानों के फैसले पर कहा- देश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों से मेरी अपील है कि अपने मेडल गंगा में न बहाएं। आपको ये मेडल भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की कृपा से नहीं मिले हैं।

    2. टिकैत ने कहा-मेडल देश की शान, ऐसा कदम न उठाएं
    किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- यह मेडल देश और तिरंगे की शान है हमारा सभी पहलवानों से अनुरोध है कि ऐसा कदम मत उठाओ। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि पहलवानों से जल्द बातचीत करें।

    3. गीता फोगाट बोलीं- आंखों में आंसू आ गए
    दंगल गर्ल गीता फोगाट ने कहा- हर खिलाड़ी का देश के लिए मेडल जीतकर तिरंगा विदेशों में फहराने का सपना होता है। आंखों में आंसू आ गए ये देख कर कि हमारे पहलवान वही मेडल आज गंगा में बहा देंगे।

    4. सांसद सैनी बोलें- ये खिलाड़ियों का व्यक्तिगत निर्णय
    हरियाणा के कुरूक्षेत्र लोकसभा सांसद नायब सैनी ने कैथल में कहा कि ये खिलाड़ियों का व्यक्तिगत निर्णय है। किसी को रोका नहीं जा सकता। कोई मुझे भी रोकना चाहे तो नहीं रोक सकता। सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास रखना चाहिए।

    5. हम पहलवानों के साथ हैं- ममता बनर्जी
    पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे पहलवानों को पीटा गया और प्रताड़ित किया गया। मैंने पहलवानों से बात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। हम उनके साथ हैं। एक व्यक्ति पर मारपीट का आरोप है, उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? पूजा-पाठ तभी होता है, जब इंसानियत की पूजा होती है।

    राउज एवेन्यू कोर्ट ने जवाब दाखिल करने को कहा
    पहलवानों ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पहुंच कर कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच की मांग की थी। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में क्लैरिफिकेशन के लिए कम्युनिकेशन को भेजा। जिसमें कहा गया था कि क्या यह कोर्ट ऐसे मामले को डील कर सकती है या फिर यह पॉक्सो हाउस कोर्ट यानी पटियाला हाउस कोर्ट से होना चाहिए।
                     जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के आदेश दिए। अब मामले की सुनवाई 6 जुलाई को होगी।

    जंतर-मंतर पर धरना नहीं देने देगी दिल्ली पुलिस, 109 पर हुई एफआईआर
    दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा। अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे।
                       रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत बुलाई गई थी। रेसलर्स ने वहां जाने के लिए मार्च निकाला और बैरिकेड्स भी तोड़े। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।
    पूर्व आईपीएस ने दी थी गोली मारने की धमकी, अब ट्वीट डिलीट किए…
    पूर्व आईपीएस अधिकारी एनसी अस्थाना ने ट्वीट कर कहा था कि पुलिस को गोली मारने का भी अधिकार है। उन्होंने यह भी लिखा था- अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी।
                     बजरंग पूनिया ने इस ट्वीट के जवाब में कहा था- ये ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने। कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पर खाएंगे तेरी गोली।
                     अस्थाना ने अब अपने ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट डिलीट कर दिए हैं। इंडियन पुलिस फाउंडेशन ने कहा कि यह अस्वीकार्य है। यह पूरे पुलिस बल की छवि बिगाड़ता है।
                     जींद में खापों व किसानों ने पंचायत कर ऐलान किया कि दिल्ली में दूध, सब्जी, फल और अन्य सामान की सप्लाई को बंद करेंगे। किसान आंदोलन की तरह दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया जाएगा।

    पहलवानों के धरने में अब तक क्या हुआ…
    18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि ॅथ्प् के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
    21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
    23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
    28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉस्को एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
    3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
    7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
    21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
    26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
    28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
    29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।

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