नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समय ईडी की हिरासत में हैं। अब आम आदमी पार्टी के एक और कद्दावर नेता संजय सिंह पर भी इसकी गाज गिर सकती है। ईडी ने इस मामले में अदालत में पेश अपनी चार्जशीट में संजय सिंह को भी आरोपी बना लिया है। संजय सिंह को आरोपी बनाने के लिए दिनेश अरोड़ा के बयान को आधार बनाया गया है। हालांकि, सांसद संजय सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह फर्जी बताया है और कहा है कि अदाणी विवाद को संसद में उठाने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर केस दर्ज करने की बात कही। वहीं, भाजपा ने कहा है कि शराब घोटाले में शामिल आम आदमी पार्टी के हर नेता पर कार्रवाई होगी और इसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए।
संजय सिंह ने क्या कहा
आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद और केजरीवाल-सिसोदिया के बाद पार्टी के तीसरे सबसे बड़े नेता संजय सिंह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर स्वयं को जबरन फंसाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने संसद में 12 दिसंबर 2022 को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के विरुद्ध बयान दिया था। उन्होंने संसद के माध्यम से पूरे देश को बताया था कि किस तरह तीन हजार मामले दर्ज करने के बाद भी अदालत में ईडी के केवल 0.5 प्रतिशत मामले में ही सजा हुई। उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार के इशारे पर एजेंसी का दुरूपयोग किया जा रहा है। उनके इस बयान के बाद पहले तो सभापति ने उन्हें अपनी बात रिकॉर्ड पर लाने के लिए कहा और बाद में विशेषाधिकार समिति के सामने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा गया।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इसके बाद ही उन्हें प्रताड़ित करने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले के एक आरोपी दिनेश अरोड़ा के 164 के बयान में उनका नाम नहीं था, लेकिन बाद में अज्ञात तरीके से अरोड़ा के बयान के आधार पर उनका नाम शराब घोटाले के आरोपियों में शामिल कर लिया गया और 6 जनवरी 2023 को ईडी की चार्जशीट में उनका नाम आ गया। उन्होंने कहा कि ईडी के पास मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं है तो वे किसके कहने पर उन्हें बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि वे ईडी के अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।
क्या बना आरोप?
सिंह ने कहा कि ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि 01 अक्टूबर 2022 को दिनेश अरोड़ा ने यह बताया कि अमित अरोड़ा की एक शराब की दुकान का ट्रांसफर संजय सिंह के कहने पर मनीष सिसोदिया ने किया। इस आरोप का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने मनीष सिसोदिया से इस तरह की कोई बात नहीं की थी और ये आरोप पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने दावा किया कि यह मामला शराब नीति के पहले का है। लेकिन 6 जनवरी 2023 को ईडी जब चार्जशीट दाखिल करती है तो उसमें मेरा (संजय सिंह) नाम शामिल कर लिया गया। इसके लिए कथित तौर पर मेरे निर्देश पर मनीष सिसोदिया के द्वारा अमित अरोड़ा की शराब की दुकान ट्रांसफर किए जाने की बात को आधार बनाया गया।
झूठा केस बनाया गया
उन्होंने कहा कि दिनेश अरोड़ा ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा है कि एक्साइज कमिश्नर राहुल सिंह ने रूटीन में अमित अरोड़ा की शराब की दुकान का ट्रांसफर किया। 1 अक्टूबर 2022 को ईडी ने दिनेश अरोड़ा से जो बयान लिया है, उसमें संजय सिंह के नाम का कहीं पर भी जिक्र नहीं है। संजय सिंह का दावा है कि दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा है कि उसने दुकान के ट्रांसफर को लेकर तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया या संजय सिंह से कोई बात नहीं की। उनके मुताबिक, दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में आगे लिखा है कि नए एक्साइज कमिश्नर राहुल सिंह आए हैं। 22-23 मार्च को राहुल सिंह का फोन आया था कि रूटीन में उसके दुकान के ट्रांसफर का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है।
भाजपा ने क्या कहा?
संजय सिंह के आरोपों पर भाजपा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी नेताओं को अपने भ्रष्टाचार के बारे में ज्यादा मालूम है, यही कारण है कि उन्हें अभी से अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है और इसीलिए एजेंसियों पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि संजय सिंह हर दिन शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा के पक्ष में बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि अरोड़ा की गवाही से न सिर्फ मनीष सिसोदिया, बल्कि संजय सिंह और सीएम अरविंद केजरीवाल भी फंस सकते हैं। यही कारण है कि उसके पक्ष में बोलकर बातों को ठंडा करने की कोशिश की जा रही है।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिनेश अरोड़ा के जरिए आप नेताओं ने दिल्ली के बड़े रेस्टोरेंट और बार मालिकों की मीटिंग बुलाई और पंजाब, गोवा और गुजरात के लिए चुनाव चंदा इकट्ठा किया। उन्होंने कहा कि अरोड़ा के माध्यम से ही केजरीवाल सरकार ने थोक व्यापारियों के अनुकूल शराब नीति बनाई और खुदरा दुकानें खोलने के लिए कार्टेल बनाया, शराब की खपत की उम्र कम की और शराब सेवा के घंटे बदले। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता इस तथ्य को छुपाना चाहते हैं, यही कारण है कि वे लगातार अरो़ड़ा के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं।
क्या पड़ेगा असर?
राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि संजय सिंह के ऊपर कोई कार्रवाई होती है तो इससे आम आदमी पार्टी की राजनीति को गहरा धक्का लगेगा। वे पार्टी के बड़े नेता हैं और विपक्षी गठबंधन में पार्टी की भूमिका की बातचीत के लिए पार्टी की तरफ से वे ही अगुवाई कर रहे हैं। ऐसे में यदि संजय सिंह पर ईडी की जांच आगे बढ़ती है, और उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो आम आदमी पार्टी इसे ’बदले की कार्रवाई’ करार दे सकती है।
उन्होंने कहा कि कई कारणों से आम आदमी पार्टी अभी तक 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बन रही विपक्षी खेमेबंदी से अभी तक बाहर थी, लेकिन उसके नेताओं पर एक के बाद एक हो रही कार्रवाई से वह भी विपक्षी खेमे में शामिल होने के लिए प्रेरित हो सकती है। इसका दिल्ली और पंजाब के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी असर पड़ सकता है।
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