-सरकार टैक्स के पैसे का बेहतर सदुपयोग करे और आरजेएस 6 फरवरी 2022 बजट समीक्षा के बाद सितंबर में बजट 2023 पर करें चर्चा.- प्रो.बिजॉन मिश्रा.
-आजादी की अमृत गाथा में गांधी सहित महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भिवना शर्मा/- एक फरवरी को देश का बजट2022-23 पेश होने वाला है, बीते वित्त वर्ष में बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। ऐसे में इस बार उम्मीद है कि सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
गांधी के बलिदान दिवस 30 जनवरी 2022 को बजट से उम्मीद पर राम-जानकी संस्थान (आरजेएस) के राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना और तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि बिकाश शिल्पा केंद्र (टीजेएपीएस केबीएसके) के सचिव सोमेन कोले ,गुंटेगेरी, हुगली पश्चिम बंगाल के नेतृत्व में आजादी की अमृत गाथा-47वें वेबीनार का आयोजन कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया। वेबीनार में महात्मा गांधी सहित महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रभारी आरजेएस जमशेदपुर प्राचार्या डा पुष्कर बाला ने अतिथियों का स्वागत और दूरदर्शन दिल्ली के इशहाक खान (आरजेएस स्पीकर)ने धन्यवाद ज्ञापित किया। आरजेएस के प्रभारी गण ओमप्रकाश झुनझुनवाला, पटना,डा नरेंद्र टटेसर, दिल्ली, सुरजीत सिंह कोहली, दिल्ली, सुदीप साहू , गाजियाबाद आदि टीम के साथ बजट पर अपने विचार रखे।
दक्षिण भारत , कश्मीर, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अमेरिका से भी प्रतिनिधि जुड़े और बजट से अपनी उम्मीदों का इजहार किए। इनमें प्रकाश झा, रमा बहन, रामजी भाई ,रंजन बेन,डा ए के मर्चेंट,मारुज, अरशद जावेद ,विनय कुमार, डॉ सुषमा सैनी ,कोमल प्रसाद शर्मा, मेहविश, विनीत अग्रवाल ,विनय अग्रवाल, सब्यसाची दास आदि प्रमुख रहे।
मुख्य अतिथि प्रफुल्ल सेठ जाने-माने फार्मासिस्ट और पूर्व उपाध्यक्ष एफआईपी ने कहा कि भारत में सामाजिक सुरक्षा नहीं होने से जरूरी है कि केंद्र सरकार सभी नागरिकों को आयुष्मान भारत से जोड़े साथ ही बजट 2022 में शिक्षा स्वास्थ्य और वरिष्ठ नागरिकों के हित में विशेष प्रावधान करे। जाने-माने उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रो.बिजॉन मिश्रा ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि हम एक ऐसे बजट की उम्मीद करते हैं जो हम नागरिक-उपभोक्ता समर्थक हो। क्योंकि हम ब्व्टप्क् के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, हमें रोजगार पैदा करने पर जोर देने के साथ प्राथमिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार के लिए सकल घरेलू उत्पाद के कम से कम 5 फीसदी की आवश्यकता है। हमें घाटे में चल रहे सभी 360$ सार्वजनिक उपक्रमों का फास्ट ट्रैक मोड पर विनिवेश करना चाहिए, ताकि सार्वजनिक धन का सदुपयोग नागरिकों के लाभ के लिए किया जा सके और सार्वजनिक उपक्रमों का प्रबंधन करने वाले अक्षम व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग न किया जा सके। बीमा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमें पेंशन आधारित बीमा उत्पादों को विकसित करना चाहिए और ओपीडी और दवा सहित सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए प्रावधान किया जाना चाहिए। हमें बीमा या करदाताओं के कोष के माध्यम से अपनी सभी आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत को प्रोत्साहित करनेवाला बजट चाहिए। उन्होंने आगामी 6 फरवरी 2022 को बजट की समीक्षा बैठक और अगले सितंबर में बजट 2023 पर चर्चा रखने के लिए आरजेएस फैमिली के सामने प्रस्ताव रखा।
चर्चा में भाग लेते हुए, मुख्य वक्ता मनोहर मनोज, लेखक और अर्थशास्त्री ने बताया कि इस बजट को 8 प्रतिशत तक विकास दर बढ़ाने, सर्वांगीण रोजगार के अवसर पैदा करने, देने के मामले में भारी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। प्रमुख क्षेत्रों को प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में वृद्धि और स्वास्थ्य सुविधाओं के मानक को ऊपर उठाना। उन्होंने बताया कि भारतीय किसानों को आय प्रतिभूतियों की जरूरत है।
अधिकांश प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र के लिए अधिक बजट आवंटन की वकालत की। वेबीनार में आरजेएस फैमिली ने गांधी के प्रिय भजन , कविता-गीत और लघु कहानी आदि पेश किए। इनमें रेणु श्रीवास्तव,दीपा भूषण,प्रेमप्रभा झा आदि प्रमुख रहे। अगले रविवार 6 फरवरी 2022 को बजट पर समीक्षा बैठक करने के संकल्प के साथ वेबीनार संपन्न हो गया।


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