• DENTOTO
  • पूर्व अर्धसैनिकों का मांगों को लेकर केंद्रीय सरकार को 90 दिनों का अल्टिमेटम

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 8, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    पूर्व अर्धसैनिकों का मांगों को लेकर केंद्रीय सरकार को 90 दिनों का अल्टिमेटम

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- एक बार फिर से अपनी लम्बे समय से चली आ रही वन रैंक वन पेंशन, पुरानी पैंशन बहाली व अन्य जायज मांगें को लेकर कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले बापू की समाधि राजघाट पर शांतिपूर्ण तरीके धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया और इस संबंध में कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को इसी 14 सितंबर को सुचित कर दिया गया।
    महासचिव रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि बार-बार धरना प्रदर्शन के बावजूद राज्यों में पैरामिलिट्री परिवारों के कल्याणार्थ हेतु एक्समैन का दर्जा एवं अर्धसेनिक कल्याण बोर्ड का गठन नहीं किया गया है जबकि भाजपा तकरीबन राज्यों में सत्ता संभालें हुए हैं जिसमें कांग्रेस व अन्य पार्टियां राज्यों में सत्तासीन हैं जबकि इस बारे में गृह मंत्रालय भारत सरकार से 23 नवम्बर 2012 को अर्धसेनिक बलों के जवानों को भी एक्समैन स्टेटस देने हेतु आफिस मैमोरेंडम जारी हो चुका है। आज पक्ष हो या विपक्ष हर शख्स सेना की बात करता है जबकि पुरे देश की चाक-चैबंद चैकीदारी सड़क से संसद तथा सरहदों तक अर्धसेनिक बल बखूबी निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी विशेष मौकों वन रैंक वन पेंशन देने का अक्सर ढिंढोरा पीटते हैं जबकि 2004 से अर्धसेनिक बलों की पैंशन बंद है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी की अपील पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सीपीसी कैंटीन वोकल से लोकल कर दी गई जोकि जीएसटी टैक्स के चलते पहले ही बाजार भाव पर आ गई है । यहां भी भेदभाव का नमूना पेश है कि सेना की सीएसडी कैंटीन पर जीएसटी छूट लेकिन सीपीसी कैंटीन पर इस तरह की कोई छूट नहीं जबकि इस विषय में प्रतिनिधिमंडल वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्रीय गृह मंत्री जी अमित शाह व गृह राज्य मंत्री से देश में एक सर्वेक्षण कराने की मांग की जा चुकी है कि जहां-जहां पैरामिलिट्री फोर्स के जवान व उनके परिवार बहुतायत संख्या में निवास करते हैं वहां सीजीएचएस डिस्पेंसरी का विस्तार किया जाए जैसे नारनौल, रेवाड़ी, भिंड, मुरैना, गाजीपुर, बलिया जिले इत्यादि ताकि जवानों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
    महासचिव रणबीर सिंह ने अर्धसेनिक परिवारों के भलाई हेतु बनाए गए वार्ब वेलफेयर एंड रिहेबिलिटेशन बोर्ड जो एक सफेद हाथी सिद्ध हुआ जिसका पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। ताज्जुब की बात है कि एक अवसर को छोड़कर आज तक केंद्रीय स्तर पर इसकी कोई बैठक सरहदी बुजुर्गों के साथ नहीं हुई। डीजी सीआरपीएफ जोकि वार्ब चेयरमैन हैं उन्हें यही नहीं पता कि वार्ब सैक्रेटरी कौन है । ये वाक्य हमारे सामने मुलाकात के दौरान घटित हुआ जब हमने वार्ब मीटिंग बुलाने के लिए सर से अनुरोध किया तो हम कैसे उनसे भलाई की उम्मीद कर सकते हैं। आए दिन जवान आत्महत्याएं कर रहे हैं जुनियर सिनियर में सूट-आउट के मामले बढ़े हैं कोई देखने सुनने वाला नहीं। इंतहा तब ओर बढ़ जाती है जब शहादत में भी भेदभाव किया जाता है। आइपीएस डीजी ने अर्धसेनिक बलों से कोई लेना-देना नहीं टाइम पास कर सुविधाओं का भरपूर आनंद ले आना जाना लगा रहता है। कैडर आफिसर्स के साथ सौतेला व्यवहार जगजाहिर है । सरहदों की चाक-चैबंद चैकसी, राज्यों की कानून व्यवस्था, औधोगिक इकाइयों की सुरक्षा बाढ भुकंप एवं प्राकृतिक विपदाओं में आम आदमी की जानमाल की सुरक्षा, निष्पक्ष चुनाव कराने में विशेष भूमिका, आगजनी लूट-पाट व सांप्रदायिक दंगों के दौरान निभाएं गए रोल को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन सुविधाओं का जहां तक सवाल है आज उपरोक्त सुरक्षा बलों में मायूसी का माहोल है।
    माननीय प्रधानमंत्री जी रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, एकता कपूर, करण जौहर व कंगना इत्यादि से तो मिल सकते हैं तो फिर सरहदी चैकीदारों से मुलाकात क्यों नहीं जबकि मुलाकात हेतु सैकड़ों बार प्रधानमंत्री जी के कार्यालय में बराबर गुहार लगाई गई है ताकि पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों व उनके परिवारों के भलाई संबंधित मसलें माननीय प्रधानमंत्री जी के संज्ञान में लाएं जा सकें। उपरोक्त मुद्दों को लेकर देशभर के हजारों पैरामिलिट्री परिवार ऐतिहासिक 13 दिसंबर 2020 को जिस दिन भारत की संसद भवन को सीआरपीएफ के जांबाजों ने पाक आतंकी हमले से इस भव्य लोकतंत्र मंदिर को बचाया था उस दिन राजघाट से राष्ट्रपति भवन तक शांतिपूर्ण मौन जुलूस निकालकर महामहिम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपकर अपने साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की व्यथा सुनाएंगे।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox