नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पिछले काफी करीब 45 दिन से 5 लाख लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहा इस्काॅन मंदिर में मातृ दिवस पर करीब 700 माताओं ने भोजन बनाने में अपना सहयोग देते हुए गरीबों व जरूरतमंदों के लिए स्नेह भरा भोजन बनाया। वहीं करीब 3 हजार महिलाओं ने अपने घरों से ही खाना बनाकर अपनी सेवा दी। जिसे देखते हुए मंदिर के अध्यक्ष पीयूष गोयल ने सभी माताओं का आभार प्रकट किया और उनके सम्मान में 500 किलो का केक बनावकर अपनी दिली संवेदना व्यक्त की।
द्वारका के इस्काॅन मंदिर में गरीबों व जरूरतमंदों के लिए खाने की व्यवस्था बदस्तूर जारी है। इस मंदिर की व्यवस्था की दिल्ली सरकार भी पूरी तरह से कायल हो चुकी है और जिसे देखते हुए सरकार ने दिल्ली में करीब 5 लाख लोगों के खाने की व्यवस्था करने के लिए मंदिर को अधिकृत किया है जिसके लिए सरकार अपना पूरा सहयोग दे रही है। समय-समय पर सरकार के मंत्री व अधिकारी भी मंदिर में भोजन कार्य का निरिक्षण करने आ रहे है। मंदिर की इस सेवा से प्रभावित होकर इस्काॅन किचन को देश की सबसे बड़ी किचन का दर्जा भी मिल चुका है। मंदिर में लोगों की सेवा के लिए श्रृद्धालु व मंदिर कमेटी हमेशा ही कुछ हटकर करती आई है। इस संबंध में मंदिर के अध्यक्ष पीयूष गोयल ने बताया कि मातृ दिवस के अवसर पर कुछ हटकर करने की प्रेरणा स्वयं माताओं से मिली जिन्होने इस मौके पर खुद खाना बनाने की पेशकश रखी। मंदिर कमेटी ने इसे स्वीकार कर लिया और मातृ दिवस पर भोजन की व्यवस्था की बागडोर माताओं के हाथ में सौंप दी गई। मंदिर में करीब 700 माताओं ने अपना श्रमदान करते हुए गरीबों व जरूरतमंदों के लिए भोजन तैयार किया। उन्होने बताया कि माताओ ने इस भोजन को स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए इसमें कई तरह के मसाले व इम्यूनिटी बढ़ाने वाली सामग्री का प्रयोग किया। आज महिलाओं ने चावल, छोले, राजमा, आलु की सब्जी, पूरी व हलवा का प्रसाद पूरी श्रृद्धा व स्नेह के साथ तैयार किया ताकि उनके बच्चे आज दिन भूखें न रहे। उन्होने बताया कि इसी तरह करीब 3000 माताओं ने अपने घरों से भोजन बनाकर भेजने की सेवा प्रदान की। जिसकी मंदिर प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर बांटने की पूरी व्यवस्था की। इस अवसर माता सौम्या ने बताया कि सभी माताओं-बहनों ने अपनी सेवा प्रदान कर मातृ दिवस को अनोखा बना दिया है। वह मातृ शक्ति को सलाम करती हैं। और आज मातृ शक्ति ने ये अहसास दिला दिया कि वह जो भी काम करती है पूरे विश्वास और स्नेह के साथ करती है। वैसे तो माताऐं पूरे 365 दिन अपने बच्चों को खाना खिलाती है लेकिन आज की सेवा उन गरीबों, अनाथों व मजबूरों के लिए थी जो लाॅक डाउन के तहत कुछ काम नही कर पाने को मजबूर है और उनके पास खाने को भी कुछ नही है। जिसे देखते हुए इस सेवा का निर्णय लिया गया। इस मौके पर संस्था के प्रबंधक अर्ची जी व प्रीतम पाल जी ने बताया कि माताओं के सम्मान व स्वागत के लिए 500 किलो का केक बनवाया गया है। जिसे स्वयं महिलाऐं की काटेंगी। उन्होने मंदिर में श्रमदान व सेवा देने के लिए सभी माताओं का आभार प्रकट किया। चाहे कुछ भी हो लेकिन आज के महिलाओ के श्रमदान से एक बात तो तय हो गई की महिलाऐं अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है। और आज उन्होने अपनी सेवा देकर इस दिन को कुछ अलग अंदाज में खास बना दिया है। उन्होने इस अवसर पर भगवान से कोरोना को हराने के लिए प्रार्थना भी की।
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