नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पश्चिमी बंगाल/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। वहीं भाजपा की कसी हुई चालों के तहत ममता बैनर्जी को झटके पर झटके लग रहे है जिसकारण ममता बैनर्जी की मुसीबते बढ़ती जा रही है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपने नेताओं को एकजुट रखने में असफल हो रही है। एक-एक करके कई नेता ममता बनर्जी की पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। ताजा मामले में बंगाल के मंत्री, पूर्व क्रिकेटर और पार्टी नेता लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
बंगाल सरकार में लक्ष्मी रतन शुक्ला खेल मंत्री थे लेकिन मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि शुक्ला ने टीएमसी के विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। सूत्रों ने कहा है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला ने राजनीति छोड़ने की इच्छा व्यक्त की है।
बता दें कि शुक्ला भारत के लिए तीन वनडे खेल चुके हैं। इसके अलावा आईपीएल में भी वो कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ खेल चुके हैं। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति का रुख किया था और बंगाल के हावड़ा उत्तर से विधायक बने थे। इसके बाद ममता सरकार में उन्हें खेल और युवा मामलों के मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की टीएमसी को कई झटके लग चुके हैं। सुवेंदु अधिकारी सहित कई नेता टीएमसी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं का आरोप है कि जब से पार्टी में अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर का दबदबा बढ़ा है, सही से काम नहीं हो रहा है। वहीं कुछ दिन पहले ममता ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि कुछ लोगों को ले जाने से उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बंगाल में एक बार फिर टीएमसी की ही सरकार बनेगी।

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