अनंतनाग में सेना-आतंकियों के बीच लगातार मुठभेड़ जारी, 2 आतंकियों को घेरा

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अनंतनाग में सेना-आतंकियों के बीच लगातार मुठभेड़ जारी, 2 आतंकियों को घेरा

-कल एनकाउंटर में कर्नल-मेजर और डीएसपी हुए थे शहीद, कश्मीर में तीन साल में दूसरी बड़ी आतंकी घटना

अनंतनाग/कश्मीर/शिव कुमार यादव/ – अनंतनाग में लगातार दूसरे दिन भी सेना व आतंकियों में मुठभेड़ जारी रही। हालांकि कल इस मुठभेड़ में कोकेरनाग में हुए एनकाउंटर में कर्नल-मेजर और डीएसपी शहीद हो गये थे लेकिन फिर भी सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपना सुरक्षा घेरा मजबूत करते हुए 2 दहशतगर्दों को घेर लिया है। कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसरों की शहादत हुई है। इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे। इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 8 ही स्थानीय थे और बाकी सभी विदेशी थे।

कश्मीर में पिछले 3 दिनों में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में आर्मी और पुलिस के 3 अफसर शहीद हो गए। एक अन्य जवान लापता है। दरअसल, अनंतनाग जिले के गाडोल में 3 से 4 आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सेना और पुलिस ने मंगलवार शाम संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया था। रात होने पर ऑपरेशन रोक दिया गया था। 13 सितंबर यानी बुधवार सुबह जब दोबारा तलाश शुरू की गई, तो आतंकियों ने घने जंगल में घात लगाकर घेराबंदी की और हमला किया। उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग की। इसके चलते 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए। मनप्रीत मोहाली के और मेजर आशीष पानीपत और भट कश्मीर के बडगाम के रहने वाले थे। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित रेजिस्टेंट फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
           अनंतनाग एनकाउंटर में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक के शव श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल लाए गए हैं। पुलिस के मुताबिक अनंतनाग में लश्कर के 2 आतंकी छिपे हैं, जिन्हें सेना ने घेर लिया है। इनमें से एक नागम कोकरनाग का रहने वाला उजैर खान है। जो पिछले साल जुलाई में लश्कर से जुड़ा था।
           केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा- जब तक पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं करेंगे, वे सोचेंगे कि सब नॉर्मल है। बॉलीवुड वाले आ जाएंगे, क्रिकेट खेलने वाले आ जाएंगे। अगर उस पर दबाव डालना है तो उसे अलग-थलग करना होगा।
          नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला बोले- सरकार रोज चिल्लाती है, आतंकवाद खत्म हो गया। अब मुझे बताओ, क्या वाकई खत्म हो गया? शांति लड़ाई से हासिल नहीं की जा सकती, यह बातचीत से आ सकती है।

कुलगाम में भी इन्हीं आतंकियों ने सेना को बनाया था निशाना
अफसरों का मानना है कि ये वही आतंकी हैं, जिनसे 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए थे। कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे।

शहीद डीएसपी हुमायूं भट त्राल के रहने वाले थे, पिछ्ले साल हुई थी शादी
डीएसपी हुमायूं भट को बुधवार रात बड़गाम जिले में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डीजीपी दिलबाग सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। हुमायूं दक्षिण कश्मीर के त्राल के रहने वाले थे। उनकी पिछले साल ही शादी हुई थी। उनका 2 महीने का बेटा है।

 जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद डीएसपी हुमायूं भट को श्रद्धांजलि दी। शहीद डीएसपी हुमायूं भट को उनके पिता  उनके पिता अब्दुल गनी भट ने श्रद्धाजंलि अर्पित की। अब्दुल गनी पुलिस में डीआईजी पद से रिटायर हुए हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने शहीद डीएसपी हुमायूं भट के जनाजे को कंधा दिया। डीएसपी हुमायूं भट की शहादत की खबर मिलने पर उनके परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है।

3 दिन पहले चाचा से कहा था- बेटी के बर्थडे पर करेंगे गृह प्रवेश
शहीद मेजर आशीष धौंचक हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार दोपहर बाद तक पैतृक गांव बिंझौल लाए जाने की संभावना है। तीन बहनों के इकलौते भाई के शहीद होने पर गांव में मातम पसरा है। आशीष के पिता लालचंद एनएफएल से रिटायरमेंट के बाद सेक्टर-7 में किराए के मकान में रहते हैं। आशीष 6 महीने पहले अपने साले की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे। आशीष के चाचा ने बताया कि उनकी 3 दिन पहले ही आशीष से फोन पर बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा था कि वे 13 अक्टूबर को बेटी के बर्थडे पर पानीपत आएंगे और नए मकान में गृह प्रवेश करेंगे।

कर्नल मनप्रीत के पिता भी सेना में थे, आखिरी बार बहनोई से बात हुई थी
न्यू चंडीगढ़ के गांव भड़ोजिया के रहने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह के पिता स्वर्गीय लखबीर सिंह भी आर्मी में सैनिक थे। शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह को 2 साल पहले सेना ने सेना पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार शाम 4 बजे तक आने की उम्मीद है। अगर देर होती है, तो मनप्रीत का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा।
          कर्नल मनप्रीत सिंह शादीशुदा थे। उनके दो भाई और एक बहन है। कर्नल के परिवार में एक 7 साल का बेटा कबीर सिंह और ढाई साल की बेटी बानी है। मनप्रीत के बहनोई वीरेंद्र गिल ने कहा कि उनसे आखिरी बार सुबह 6ः45 बजे बात हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि वह बाद में बात करेंगे। पिछले साल, उन्हें सेना मेडल से मिला था।

पाक घाटी की शांति भंग कर रहा- नॉर्दर्न आर्मी कमांडर
नॉर्थ टेक सिंपोजियम 2023 कार्यक्रम के दौरान नॉर्दर्न आर्मी कमांडर उपेंद्र द्विवेदी ने एनकाउंटर को लेकर कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर क्षेत्र में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा- पाकिस्तान घाटी में शांति भंग करने के लिए सीमा पार से कट्टरपंथी बंदूकधारियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। हालांकि हम पाकिस्तान को उसके नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे।

वहीं, राजौरी में सोमवार (11 सितंबर) की रात को शुरू हुए एनकांउटर में सेना ने 2 आतंकी मार गिराए, जबकि राइफलमैन रवि कुमार शहीद हो गए थे। ये मुठभेड़ बुधवार रात खत्म हुई थी। 11 सितंबर की शाम को पतराडा के जंगली इलाके में तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया गया था।

राजौरी एनकाउंटर साइट से बरामद हुईं एके-47 और गोलियां
राजौरी में भी मंगलवार (12 सितंबर) को एनकाउंटर के दौरान एक जवान की मौत हो गई थी और दो आतंकी मारे गए थे। यहां सर्चिंग के दौरान एक आर्मी डॉग की भी मौत हो गई। उसने अपने हैंडलर की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी। राजौरी में एनकाउंटर खत्म हो गया है।

एनकाउंटर साइट से दो एके-47, 7 मैग्जीन, 2 बुलेट प्रूफ जैकेट और करीब तीन दर्जन कारतूस बरामद हुए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान में बनी दवाएं भी रिकवर हुई हैं। यहां शहीद हुए आर्मी डॉग का नाम केंट था। आतंकियों की तलाश के दौरान डॉग अपने हैंडलर के आगे चल रहा था तभी उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।

कश्मीर में इस साल अब तक 40 आतंकी ढेर
कश्मीर में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसरों की शहादत हुई है। इससे पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे चले हमले में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत पांच अफसर शहीद हुए थे। इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 8 ही स्थानीय थे और बाकी सभी विदेशी थे।

9 अगस्त को पकड़े गए थे 6 आतंकी
कश्मीर पुलिस और इंडियन आर्मी ने जॉइंट ऑपरेशन के दौरान 15 अगस्त से पहले 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से गोला-बारूद और हथियार बरामद किए गए थे। पहला मामला 9 अगस्त की रात का है, जहां कोकेरनाग के एथलान गडोले में तीन आतंकी पकड़े गए। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान समेत 3 लोग घायल हुए।
           दूसरा मामला बारामुला के उरी का है, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर के 3 आतंकी पकड़े। इनके खिलाफ यूएपीए और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर आतंकियों के 3 सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

6 अगस्त को तीन आतंकी मारे गए थे
6 अगस्त को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में एलओसी के पास दो आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी एलओसी के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इसी दिन शाम को भी घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक अन्य आतंकवादी को मार गिराया गया था। सेना की ओर से पुंछ में एलओसी के पास घुसपैठ की कोशिश करते आतंकी का एक विजुअल सेना ने जारी किया है।

4 अगस्त को कुलगाम में तीन जवान शहीद हुए थे
4 अगस्त को कुलगाम के हलान जंगल में आतंकियों ने सेना के टेंट पर फायरिंग की थी। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हुई, जो देर रात तक जारी रही। इस घटना में 3 जवान घायल हो गए थे। तीनों को श्रीनगर के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान देर रात तीनों की मौत हो गई थी।

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