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    हृदयरोग दिवस पर आरजेएस पीबीएच- पीएसएआईआईएफ का वेबिनार

    -हृदयरोग का कारण है असंतुलित जीवन शैली, खान-पान, मोटापा और तनाव- आरजेएस पीबीएच-पीएसएआईआईएफ वेबिनार . -अहिंसा दिवस पर गांधी-शास्त्री की स्मृति को नमन् ,“जीवन आहार और शारीरिक आहार“ पर होगा 8 अक्टूबर का वेबिनार

    नई दिल्ली/भावना शर्मा/- विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में  पेशेंट सेफ्टी एंड एक्सेस इनीशिएटिव ऑफ इंडिया फाउंडेशन(पीएसएआईआईएफ) के सहयोग से आरजेएस पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में  हर रविवार आरजेएस वेबिनार -राष्ट्र प्रथम, भारत एक परिवार, विश्व एक घर की भावना और विचार के तहत “हृदय का उपयोग करें,हृदय को जानें“ विषय पर आयोजित किया गया। विश्व हृदय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाता है। इसमें विश्व अहिंसा दिवस पर गांधी-शास्त्री की स्मृति को नमन् किया गया।
              अमृत काल का सकारात्मक भारत के एक सौ पचहत्तरवें वेबीनार में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कनेरिया किलोलकुमार वल्लभभाई, डॉ. भारमल वाहिद एस, डा. नितिन जैन ने हृदय रोग के कारण और निवारण पर अपने विचार प्रकट किये और आरजेएसिएन्स की शंकाओं और समस्याओं का समाधान बताए। इसमें आरजेएस पॉजिटिव मीडिया परिवार से जुड़े नादिर त्यागी के पचास वर्षीय बहनोई शहजाद चौधरी के हार्ट अटैक से निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
             कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जन डा. नितिन जैन अपोलो अस्पताल अहमदाबाद से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि नब्बे प्रतिशत हृदय रोगी केवल दवाईयों से ठीक हो जाते हैं बशर्ते वो समय से डाक्टर से मिलें या अस्पताल आ जायें। उन्होंने अंग दान पर प्रकाश डाला। अंगदान में लीवर फेफड़े  आँख तथा अन्य अंग दूसरों की जान बचाने में मदद करते हैं। उन्होने बताया कि साल में एक बार अपना चेकअप जरूर करायें।

    हृदयरोग विशेषज्ञ डा. कनेरिया ने कहा कि पहले हृदय रोग चालीस पचास वर्ष की आयु में होता था अब आयु तीस वर्ष तक आ गयी है। जवान आयु में किसी परिवार में हृदय रोग हो जाये तो परिवार का आर्थिक बजट बिगड़ जाता है। हजार मौतों में से बीस मौत हृदय रोग से होती। उन्होने हमारे खानपान और मोटापा तथा स्ट्रेस को हृदय रोग का प्रमुख कारण बताया। परिवार में कमाने वाले पर संकट आ जाता है।
               इंटर्नल मेडिसिन एंड इंडोक्रिमिनोलाजी स्पेशलिस्ट डा. भारमल वाहिद एस ने बताया कि डायबिटीज भारत में महामारी का रुप ले चुकी है। छोटे छोटे बच्चों में डायबिटीज हो रही है। गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज की जाँच अवश्य करानी चाहिए। डा. बिजॉन मिश्रा अन्तर्राष्ट्रीय कन्जयूमर पॉलिसी एक्सपर्ट ने आरजेएस पीबीएच के मासिक न्यूज़ लेटर का चौथा अंक जारी किया और कहा कि इसमें सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन की मासिक गतिविधियां और कार्यक्रम सचित्र उपलब्ध रहेंगी। वेबिनार के विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मरीज डाक्टर के पास खर्चों और तमाम टेस्ट में होने वाले खर्चों से डर कर नहीं जाता है। इसके लिए उन्होंने सबको यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के अन्तर्गत लाने की सरकार से मांग की। यूनिवर्सल इन्श्योरेंस कवरेज से खर्चे के भय के बगैर अस्पताल या डाक्टर के पास जाना संभव होगा।
              पेशेंट सेफ्टी एंड एक्सेस इनिशियेटिव फाउंडेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल डी. सेठ ने आज कार्यक्रम का संचालन बेहद शानदार तरीके से किया और सबको अपनी बात कहने का मौका दिया। उन्होंने विशेष कर टेक्नीकल टीम का आभार प्रकट किया जिन्होंने आरजेएस पॉजिटिव मीडिया यू ट्यूब पर वेबीनार को लाईव प्रस्तुत तथा अपलोड किया ।
              आरजेएस पीबीएच का अगला कार्यक्रम रविवार 8 अक्टूबर को दीदेवार जीवन ज्योति के सहयोग से आयोजित होगा। इस संबंध में सह-आयोजक सुरजीत सिंह दीदेवार ने वेबिनार के विषय “जीवन आहार और शारीरिक आहार“ पर प्रकाश डाला। वेबिनार के अंत में  उज्जवला वीमेंस एसोसिएशन की अध्यक्षा बीना जैन ने वेबीनार में जुड़े डाक्टरों को अपना कीमती समय देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में डा. रमैय्या मुथ्थयाला यूएसए से जुड़े साथ ही अन्य राज्यों से पॉजिटिव-लाफ्टर एंबेसडर दुर्गादास आजाद, सोमा शेखर, डा. डी आर राय, सुदीप साहू, इसाक खान, अली साज़िद हुसैन, डा. मुन्नी‌ कुमारी, प्रफुल्ल पाण्डेय, कुलदीप राय, नवल आनंद, नवीन कुमार, डॉ एल डी पटेल, डॉक्टर सुभाष सी मंडल, हितेंद्र राठौर, विनीता सहगल, सत्येंद्र सुमन त्यागी, निर्मल, अभी गर्ग, गुंजन, संगीता शर्मा और राजेश तलाती आदि जुड़े। आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने सभी अतिथियों प्रतिभागियों को सकारात्मक भारत के लिए आगे आने का आह्वान किया।

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