हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भारत का सहयोग करने पर सहमति

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भारत का सहयोग करने पर सहमति

-33वें अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया मत्रिस्तरीय परामर्श बैठक में जताई गई सहमति

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-दुनिया/शिव कुमार यादव/- अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को 33वें ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका मंत्रिस्तरीय परामर्श (एयूएसएमआईएन) में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और कोरिया के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई। दोनों देशों के अधिकारियों ने ब्रिसबेन में मुलाकात की। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री लॉयड जे.ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने किया। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल में उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मामलों और व्यापार मंत्री पेनी वोंग शामिल थे।
                बैठक के दौरान दोनों देशों ने कई अभ्यासों के माध्यम से प्रशांत क्षेत्र की सेनाओं के साथ अंतर-क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी एक फैक्ट शीट के अनुसार, उन्होंने फिजी, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और टोंगा की पहली बार अभ्यास तालिस्मान सबरे 2023 में भागीदारी के साथ-साथ उद्घाटन पर्यवेक्षकों के रूप में भारत, सिंगापुर, थाईलैंड और फिलीपींस का स्वागत किया।

                दोनों देशों ने पारंपरिक रूप से सशस्त्र, परमाणु संचालित पनडुब्बी क्षमता के ऑस्ट्रेलियाई अधिग्रहण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा की रक्षा के लिए उन्नत क्षमताओं के विकास की दिशा में ऑकस साझेदारी (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और  अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौता) के तहत प्रगति का स्वागत किया।
                ऑस्ट्रेलिया शुरू में अमेरिका से तीन वर्जीनिया श्रेणी की परमाणु संचालित हमलावर पनडुब्बियां (नौसेना) खरीदेगा। ये अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) से सेकंड-हैंड नौकाएं होने की संभावना है, साथ ही अगर एसएसएन-एयूकेयूएस नौकाओं की एक नई श्रेणी बनाने की योजना में देरी होती है तो दो और वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बियों को हासिल करने का विकल्प है।
                एसएसएन-एयूकेयूएस पनडुब्बी काफी हद तक ब्रिटिश एसएसएन डिजाइन पर आधारित होगी, लेकिन इसमें कुछ अमेरिकी तकनीक शामिल होगी। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया दोनों एसएसएन-एयूकेयूएस पनडुब्बियों को प्राप्त करेंगे, जिसमें ब्रिटिश उत्पादन ऑस्ट्रेलिया की तुलना में थोड़ा पहले शुरू होगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox