चंडीगढ़/अनीशा चौहान/- हरियाणा में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, कांग्रेस और बीजेपी के बीच बगावत की खबरें सामने आ रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
राजीव जैन, जो पहले बीजेपी के करीबी सहयोगी रहे हैं, अब अपनी राजनीतिक यात्रा में एक नया मोड़ ले रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से नाराज होकर निर्दलीय चुनावी दौड़ में उतरने की घोषणा की है। जैन का यह कदम हरियाणा की राजनीति में एक नया संकेत है, जो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
राजीव जैन का राजनीतिक मोर्चा
राजीव जैन का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरना, पार्टी राजनीति से उनकी असंतोष की ओर इशारा करता है। उनकी प्राथमिकताएँ और चुनावी रणनीति क्या होंगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। जैन की पार्टी राजनीति से यह अलगाव, बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकता है।
राजनीतिक परिदृश्य पर असर
हरियाणा की राजनीति में यह बदलाव महत्वपूर्ण हो सकता है। राजीव जैन के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में आने से राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार की राजनीतिक धारा को जन्म देते हैं।
निष्कर्ष
राजीव जैन का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी, और जैन की चुनावी रणनीति और उनके विचार आगामी राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं।


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