
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- इस समय सोशल मीडिया पर बिबेक और सृजना की कहानी की खूब चर्चा हो रही है। यूज़र्स सृजना की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं, क्योंकि सृजना ने एक पत्नी के रूप में ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो न केवल प्रेरणादायक बल्कि अनमोल भी है।
बिबेक को ब्रेन कैंसर था, और वह स्टेज 1 में थे। इस कठिन समय में सृजना उनके साथ ढाल बनकर खड़ी रहीं। उन्होंने अपनी पूरी ताकत से बिबेक का साथ दिया और कैंसर से जंग में उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चले। दोनों ने एकजुट होकर कैंसर से लड़ने की ठान ली। इस संघर्ष की प्रेरणादायक कहानी का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लाखों लोग इसके गवाह बने।
सृजना ने अपनी जान की परवाह किए बिना बिबेक का साथ दिया, उनकी देखभाल की और हर पल उनकी हिम्मत बढ़ाई। लेकिन अंत में कैंसर ने जीत हासिल की और बिबेक हमें छोड़कर चले गए। फिर भी, कैंसर जीतकर भी नहीं जीत पाया, क्योंकि सृजना की शिद्दत और सच्चे प्यार ने उनकी कहानी को अमर बना दिया।
यह कहानी न केवल एक पत्नी के समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम और संघर्ष की एक अनूठी मिसाल है। बिबेक और सृजना की यह प्रेम कहानी अब शायद हमेशा के लिए लोगों के दिलों में बसी रहेगी। सृजना ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि कड़ी से कड़ी मेहनत, समर्पण और संघर्ष में भी होता है। उनकी यह कहानी प्रेरणा का स्रोत बनी है, जो जीवन के कठिन समय में एक दूसरे का साथ देने की अहमियत को दर्शाती है।
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