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  • सिलेंडर फटने से नजफगढ़ के नंगली सकरावती में बिस्कुट फैक्ट्री में लगी भयंकर आग, 7 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल

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    सिलेंडर फटने से नजफगढ़ के नंगली सकरावती में बिस्कुट फैक्ट्री में लगी भयंकर आग, 7 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल

    -बाल-बाल बचा नंगली सकरावती एरिया, अगर बाकि के सिलेंडर फट जाते तो होता बड़ा नुकसान -सुबह 6 बजे की घटना, 10 अग्निशमन गाड़ियों ने 10 घंटे में पाया आग पर काबू

    नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- शनिवार को नजफगढ़ के नंगली सकरावती औद्योगिक क्षेत्र में सिलेंडर फटने से मोनू नमकीन नामक फैक्ट्री में भयंकर आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि इसे बुझाने में दमकल विभाग की 10 गाड़ियां 10 घंटे तक आग बुझाती रही। तब जाकर इस आग पर काबू पाया। इस आग में फैक्ट्री में कार्यरत 7 कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। जिन्हे सफदरजंग अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इस संबंध में पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार सुबह पुलिस को आग लगने की एक सूचना मिली थी जिस पर एसएचओ नजफगढ़ सुभाष चंद व उनकी टीम ने मौके पर पंहुचकर स्थिति को संभाला और घायलों को तुरंत अस्पताल पंहुचाने का प्रबंध किया।

    पुलिस ने बताया कि जांच के अनुसार घटना के समय कर्मचारी ग्राउंड फ्लोर पर ओवन में बिस्कुट पका रहे थे। ओवन के लिए एलपीजी गैस का इस्तेमाल किया जा रहा था। अचानक गैस पाइप लाइन फटने से यह हादसा हो गया। लेकिन गनीमत यह रही कि राहत समय पर पंहुच गई और अग्निशन विभाग की सजगता से बड़ीं अनहोने होने से टल गई। क्योंकि जहां आग लगी थी वहां कम से कम एलपीजी के 50 भरे सिलेंडर रखे थे अगर उनमें आग लग जाती तो हादसा काफी भयावह होता।  

    हादसे के वक्त फैक्ट्री में नही थे आग बुझाने वाले सुरक्षा यंत्रः-
    मोनू नमकीन फैक्ट्री में इतने बड़े स्तर पर गैस जुड़े कार्य चल रहे थे लेकिन फैक्ट्री में आग बुझाने के सुरक्षा यंत्र तक नही लगे हुए थे। अब सवाल उठता है कि यदि ऐसा था तो फैक्ट्री को पुलिस ने कैसे चलने दिया क्यों कभी उसकी जांच नही की और कभी चालान नही काटा। हालांकि पुलिस अधिकारी फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र होने व एनओसी होने की बात कह रहे है लेकिन साथ ही जांच करने की भी बात कह रहे है। पुलिस के इस तरह के बयानों से एक भ्रम से बन गया है।

    लोगों का आरोप पुलिस की लापरवाही से लोगों की जान खतरे मेंः-
    इस आग को लेकर लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री में सुरक्षा यंत्र न होते हुए भी पुलिस की देखरेख में काम चल रहा था। अगर हादसा बड़ा हो जाता तो क्या पुलिस पर भी कोई कार्यवाही होती।

    फैक्ट्री में हो रहा था घरेलु एलपीजी गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल
    कानूनी रूप से किसी भी व्यवसायिक गतिविधि के लिए व्यवसायिक सिलेंडरों का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए लेकिन इस फैक्ट्री में तो घरेलु एलपीजी गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा था। क्या पुलिस इस पर यही कहेगी कि हां इसकी मंजूरी ले रखी थी।

    इस हादसे में घायल हुए कर्मचारियों की सूची
    1. शिवम, उम्र 23 वर्ष
    2. अमित, उम्र 35 वर्ष
    3. अमित सिंह, उम्र 26 वर्ष
    4. चंदन उम्र 22 वर्ष
    5. जयपाल, उम्र 40 वर्ष
    6. वासुदेव उम्र 50 वर्ष।
    7. वासुदेवनाथ  48 वर्ष।

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