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    सांसद बिधूड़ी पर भाजपा विपक्ष आमने-सामने, विपक्ष ने की सदन से सस्पेंड करने की मांग

    -भाजपा सांसद रमेश बिधुड़ी ने बीएसपी सांसद दानिश के खिलाफ किया अभद्र भाषा का प्रयोग, स्पीकर की वॉर्निंग- दोबारा गलती हुई तो बख्शेंगे नहीं;

    नई दिल्ली /शिव कुमार यादव / – 21 सितंबर गुरूवार को लोकसभा में चंद्रयान पर चर्चा के दौरान दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधुड़ी ने अमरोहा से बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिसपर पूरे विपक्ष ने अपना एतराज दर्ज कराया और बिधुड़ी को सदन से सस्पेंड करने की मांग की। लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी बिधूड़ी को चेतावनी दी कि ऐसा दोबारा होने पर कड़ी कार्रवाई होगी। हालांकि, सदन की कार्यवाही से बिधूड़ी के अपशब्दों को हटा दिया गया है।

    जब रमेश बिधूड़ी ये सब बोल रहे थे, तब अध्यक्ष की आसंदी पर कोडिकुन्नील सुरेश बैठे थे। उन्होंने बिधूड़ी से बैठने को कहा, लेकिन वे चुप नहीं हुए। अब बिधूड़ी के इस दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणी के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में खेद जताया। कांग्रेस अब बिधूड़ी के सदन से निलंबन की मांग कर रही है।

    बिधूड़ी के पीछे बैठे रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन हंसते दिखे
    रमेश बिधूड़ी के बोलते समय उनके पीछे बैठे ठश्रच् के ही सांसद और पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन हंसते हुए नजर आए। जब लोगों ने इस बारे में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लिखना शुरू किया तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि वे दुखी और अपमानित महसूस कर रहे हैं। कुछ लोगों ने उनका नाम घसीटा है। उन्होंने यह भी लिखा कि सदन में जो अराजकता हुई थी, उसे हम स्पष्ट रूप से नहीं सुन सके कि कौन क्या कह रहा था।

    रमेश बिधूड़ी के व्यवहार पर किसने क्या कहा…
    नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला- अगर उन्होंने केवल आतंकवादी कहा होता तो हमें इसकी आदत है। उन शब्दों को पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए कहा गया। भाजपा से जुड़े मुस्लिम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? इससे पता चलता है कि वे हमारे बारे में क्या सोचते हैं? उन्हें शर्म आनी चाहिए।

    कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश- उन्होंने जो कहा है वह निंदनीय है। रक्षामंत्री की माफी नाकाफी, है। सदन के अंदर या बाहर ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह रमेश बिधूड़ी नहीं, बल्कि भाजपा पार्टी की सोच है। हमारी मांग है कि रमेश की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।

    आप सांसद संजय सिंह- बीजेपी गुंडागर्दी कर रही है। बिधूड़ी की भाषा एक गुंडे, माफिया की भाषा है। दानिश अली का अपमान सभी विपक्षी सांसदों का अपमान है। मणिपुर का मुद्दा उठाने पर मुझे निलंबित किया था, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

    टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा- मुसलमानों, ओबीसी को गाली देना भाजपा की संस्कृति है। कइयों को अब इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखता। च्ड मोदी ने भारतीय मुसलमानों को अपनी ही धरती पर डरकर जीने पर मजबूर कर दिया है।

    एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी- मुझे भरोसा है बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। संभावना है उन्हें भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाए। आज भारत में मुसलमानों के साथ वैसा ही सलूक हो रहा है, जैसा हिटलर के जर्मनी में यहूदियों के साथ किया जाता था।

    क्या रमेश बिधूड़ी के व्यवहार पर एक्शन हो सकता है?
    संविधान के आर्टिकल 105 (2) के तहत भारत में संसद में कही गई किसी भी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। यानी सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सांसदों को संसद में कुछ भी बोलने की छूट मिली हुई है। एक सांसद जो कुछ भी कहता है वो लोकसभा में प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के तहत स्पीकर के कंट्रोल में होता है। यानी संसद में कोई सांसद असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करता है तो उस पर स्पीकर को ही एक्शन लेने का अधिकार है।

     संसद में भ्रष्ट, असत्य और अपमान जैसे शब्द नहीं बोल सकते सांसद 2022 में संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले असंसदीय शब्दों की लिस्ट जारी हुई थी, जिसके मुताबिक जुमलाजीवी, तानाशाह, विनाश पुरुष जैसे राजनीतिक बयानों के साथ ही असत्य, भ्रष्ट, कालाबाजारी जैसे सामान्य शब्द नहीं बोल सकते।
              लोकसभा सचिवालय की नई बुकलेट में इन्हें असंसदीय शब्द बताया गया। बुकलेट में 1100 पेज हैं। ये लिस्ट लोकसभा-राज्यसभा के साथ ही विधानसभा की कार्यवाहियों के दौरान असंसदीय घोषित किए गए शब्दों को मिलाकर बनती है। ताजा लिस्ट 2021 की है। 2020 में असंसदीय शब्द के इस्तेमाल की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से एक शब्द को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया था।

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