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    भक्त की श्रद्धा व विश्वास की जीत का पर्व है होली – श्री सतपाल जी महाराज

    -होली महोत्सव पर सद्भावना सत्संग समारोह का आयोजन

    मुरादनगर/शिवकुमार यादव/- 13 मार्च। गंग नहर स्थित सतलोक आश्रम के श्री हंस इंटरमीडिएट कॉलेज के मैदान में मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में होली महोत्सव पर दो दिवसीय सद्भावना सत्संग समारोह के प्रथम दिन सुविख्यात समाजसेवी व आध्यात्मिक गुरु श्री सतपाल जी महाराज ने देश-विदेश से पधारे भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि होली का पर्व भक्त प्रह्लाद की भक्ति में श्रद्धा और विश्वास की जीत का पर्व है।

    प्रह्लाद और होलिका की कथा पर प्रकाश डाला
    श्री महाराज जी ने कहा कि होलिका को वरदान स्वरूप एक शॉल मिली थी, जिस पर अग्नि का कोई असर नहीं होता था। इसलिए उसने प्रह्लाद को मारने के लिए स्वयं शॉल ओढ़कर अग्नि में बैठ गई और प्रह्लाद को गोद में बैठा लिया। परन्तु भगवान की कृपा से शॉल प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे होलिका जलकर मर गई और प्रह्लाद बच गया। तभी से होली का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि होली पर्व का स्वरूप बदल गया है, और अब लोग केवल एक-दूसरे पर केमिकल युक्त रंग लगाकर इसे मना रहे हैं, जो हमारे लिए हानिकारक है। हमें इस पर्व को सही रूप में मनाना चाहिए और इसके आध्यात्मिक रहस्य को समझना चाहिए।

    भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी
    श्री महाराज जी ने कहा कि जैसे एक बालक का विकास होता है और वह ज्ञान अर्जन करता है, वैसे ही भक्ति के मार्ग पर भी हमें चलना चाहिए। उन्होंने नारद जी और स्वामी रामकृष्ण परमहंस का उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोई गुरु का सानिध्य प्राप्त करता है तो वह अपने जीवन में सफलता हासिल करता है।

    भगवान की भक्ति का सही मार्ग बताया
    श्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति तभी होगी जब हम अपने मन को संसार से हटा कर भगवान के नाम और स्वरूप में लगाएं। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को परमात्मा की शक्ति को समझना चाहिए और उसके प्रति श्रद्धा और विश्वास के साथ ध्यान, भजन, और सुमिरन करके अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।

    कार्यक्रम में श्री विभुजी महाराज का संबोधन
    समारोह में श्री विभुजी महाराज ने भी अपने संबोधन में सभी को अध्यात्म मार्ग पर चलने और गुरु दरबार की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।

    समारोह में स्वागत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
    कार्यक्रम से पूर्व श्री महाराज जी, पूज्य माता श्री अमृता जी और अन्य विभूतियों का संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। भजन गायकों ने अपनी सुमधुर भजन संगीत प्रस्तुति दी, और मंच संचालन डॉ. संतोष यादव जी ने किया।

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