शारदीय नवरात्रि 2025 : सूर्य ग्रहण के बीच घटस्थापना का शुभ संयोग

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December 23, 2025

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शारदीय नवरात्रि 2025 : सूर्य ग्रहण के बीच घटस्थापना का शुभ संयोग

नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- सितंबर 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष है। पितृपक्ष के समापन के बाद शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है, जो मां दुर्गा की आराधना का नौ दिवसीय महापर्व है। इस बार नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है, लेकिन उससे एक दिन पहले यानी 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लगने के कारण भक्तों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या इसका असर नवरात्रि और घटस्थापना पर पड़ेगा या नहीं।

सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि, समय और प्रभाव

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण अमावस्या को, यानी 21 सितंबर को लगेगा। यह आंशिक ग्रहण रात 10:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर को तड़के 3:23 बजे समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट की होगी। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पर राहु का प्रभाव पड़ता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी कारण सूतक काल का पालन अनिवार्य माना जाता है। इस ग्रहण का सूतक काल 21 सितंबर को सुबह 10:59 बजे से शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे ग्रहण समाप्ति तक चलेगा। सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।

क्या सूर्य ग्रहण का असर नवरात्रि पर पड़ेगा?

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू हो रही है। प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर की रात 1:23 बजे से प्रारंभ होकर 23 सितंबर की रात 2:55 बजे तक रहेगी। यानी 22 सितंबर को नवरात्रि का पहला दिन है।

अब सवाल यह है कि क्या सूर्य ग्रहण का असर नवरात्रि पर्व पर पड़ेगा? इसका उत्तर है—नहीं। क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका नवरात्रि या घटस्थापना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भक्तजन बिना किसी शंका के कलश स्थापना कर सकते हैं।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

घटस्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक (अवधि: 1 घंटा 57 मिनट) रहेगा। इसके अलावा जो लोग इस समय में स्थापना नहीं कर पाएंगे, वे अभिजित मुहूर्त (11:49 बजे से 12:38 बजे तक) में कलश स्थापना कर सकते हैं।

नवरात्रि के 10 दिन का विशेष योग

खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि 9 की बजाय 10 दिनों की होगी। श्राद्ध पक्ष में एक तिथि के क्षय के कारण प्रतिपदा में वृद्धि हो रही है। नवरात्रि का समापन 1 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) के साथ होगा।

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