नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- बीते दिन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कैप्टन अंशुमन सिंह को कीर्ति चक्र से नवाजा है। उनकी पत्नी सृष्टि सिंह ने नम आंखों के साथ ये पुरस्कार ग्रहण किया। शादी के महज पांच महीने बाद पति को हमेशा के लिए खो देने वाली सृष्टि आखिरी बार कैप्टन अंशुमन सिंह का चेहरा भी नहीं देख पाईं थीं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने देश के बहादुरों को सर्वोच्च सैन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया है। बीते दिन राष्ट्रपति भवन में 4 जवानों को कीर्ति चक्र और 2 जवानों को शौर्य चक्र मिला है। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के देवरिया से ताल्लुक रखने वाले शहीद जवान कैप्टन अंशुमन सिंह का नाम भी शामिल है।
पत्नी सृष्टि ने लिया अवॉर्ड
कैप्टन अंशुमन को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है। वहीं कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी सृष्टि सिंह ने ये पुरस्कार रिसीव किया। हालांकि पुरस्कार लेने से पहले सृष्टि इमोशनल नजर आ रही थीं। पुरस्कार समारोह के दौरान सृष्टि की नम आंखें और गमगीन चेहरा देख हर कोई भावुक हो उठा। शादी के महज 5 महीने बाद ही सृष्टि ने अपने पति को हमेशा के लिए खो दिया था।
फरवरी 2023 में हुई थी शादी
फरवरी के महीने में कैप्टन अंशुमन सिंह ने सृष्टि के साथ सात फेरे लिए थे। शादी के कुछ समय बाद ही कैप्टन ड्यूटी पर वापस चले गए। अंशुमन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन थे। उनकी तैनाती सियाचिन ग्लेशियर पर थी।
आर्मी बंकर में लगी आग
वैसे तो सियाचिन ग्लेशियर गला देने वाली सर्दी के लिए जाना जाता है। वहां का तापमान हमेशा माइनस में रहता है। मगर जुलाई 2023 में सियाचिन पर बने आर्मी के कुछ बंकरों में आग लग गई। इस दौरान कुछ सैनिक बंकर में बुरी तरह से फंस गए। कैप्टन अंशुमन भी बहादुरी का परिचय देते हुए बंकर में घुस गए और 4 सैनिकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि अंशुमन खुद उस बंकर में फंस गए और कुछ देर बाद आग की चपेट में आ गए। अंशुमन को जैसे-तैसे बंकर से बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया। मगर अस्पताल में अंशुमन ने दम तोड़ दिया।
पति की मौत पर बेहोश हुई पत्नी
कैप्टन अंशुमन सिंह के शव को हेलिकॉप्टर से उनके पैतिृक गांव देवरिया लाया गया। अंशुमन की मौत की खबर से पूरे गांव में मातम पसर गया था। उनकी मां और बहन का रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं पति को खोने के गम में पत्नी सृष्टि बेहोश हो गई थीं। सृष्टि को जब होश आया तो उन्होंने आखिरी बार पति को देखने की इच्छा जताई। मगर उनका ये सपना भी पूरा ना हो सका।
आखिरी बार नहीं दिखा पति का चेहरा
दरअसल कैप्टन अंशुमन का चेहरा बुरी तरह से आग में झुलस गया था और उनके चेहरे पर कपड़ा रखा था। अंशुमन की मां और पत्नी उन्हें आखिरी बार देखने के लिए बिलखती रहीं लेकिन उनकी ये ख्वाहिश भी अधूरी रह गई। 21 जुलाई 2023 को अंशुमन का अंतिम संस्कार भागलपुर में सरयू नदी के किनारे हुआ।
बेटे पर गर्व है- पिता
अंशुमन के पिता ने बेटे की शहादत पर गर्व जताया है। उनके पिता रवि प्रताप सिंह भी सेना में सूबेदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी एक सैनिक था। सैनिकों के लिए तिरंगे में लिपट कर आना मोक्ष के बराबर होता है। जिस वीरता से अंशुमन ने अपने प्राण न्योछावर किए हैं। मुझे उस पर गर्व है।
अमर हो गए कैप्टन अंशुमन
बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंशुमन की शहादत पर शोक व्यक्त किया था। सीएम योगी ने परिवार को 50 लाख रुपये की धनराशि और एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। साथ ही उन्होंने गांव की एक सड़क का नाम भी कैप्टन अंशुमन सिंह के नाम पर रखने के आदेश दिए थे।
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