नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जोहांसबर्ग/शिव कुमार यादव/– दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने रूस को हथियार सप्लाई करने के अपने देश पर लगे आरोपों को नकार दिया है। इसके लिए उन्होंने एक स्वतंत्र जांच का हवाला दिया। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान दक्षिण अफ्रीका पर आरोप लगे थे कि उन्होंने रूस को हथियारों की सप्लाई की है। रविवार को राष्ट्रपति रामाफोसा ने बताया कि एक स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट आई है, जिसमें इन आरोपों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। लेकिन इन आरोपों के कारण दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था पर हानिकारक प्रभाव पड़ा।
सबसे पहले अमेरिकी राजदूत ने किया था दावा
दरअसल, मई 2022 में दक्षिण अफ्रीका में अमेरिका के उच्चायुक्त रूबेन ब्रिगेटी ने प्रिटोरिया में अमेरिकी दूतावास में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले यह आरोप लगाए थे। ब्रिगेटी ने दावा किया था कि अमेरिका को जानकारी मिली है कि रूसी जहाज लेडी आर पिछले साल दक्षिण अफ्रीकी तट पर खड़ा था, जो हथियार से भरा हुआ था। ब्रिगेटी के इस दावे के कारण वैश्विक पटल पर दक्षिण अफ्रीका को काफी नुकसान हुआ।
राष्ट्रपति ने जांच के लिए बनाई समिति
ब्रिगेटी द्वारा किए गए दावों की सत्यता के बारे में पता लगाने के लिए रामाफोसा ने एक जांच समिति तैयार की। सेवानिवृत्त न्यायाधीश फिनीश मोजापेलो ने इसकी अध्यक्षता की। रामाफोसा ने कहा था कि जांच समिति की रिपोर्ट में अगर ब्रिगेटी का दावा सच पाया जाता है तो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रपति ने देश को किया संबोधित
राष्ट्रपति रामाफोसा ने रविवार को देश को संबोधित किया। इस दौरान रामाफोसा ने कहा कि जांच समिति को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि लेडी आर जहाज पर हथियार लदे हुए थे। न ही जांच समिति को इस बात का कोई सबूत मिला कि हथियारों से लदा कोई रूसी जहाज दक्षिण अफ्रीका से रूस की ओर जा रहा हो। रिपोर्ट के अनुसार, साइमनस्टाउन में खड़ा वह जहाज रूसी नहीं था। 2018 में अफ्रीकी राष्ट्रीय रक्षा बल के हथियारों के लिए आर्म्सकोर को ऑर्डर दिया गया था, जिसके वितरण के लिए ही जहाज वहां खड़ा था। ब्रिगेटी का नाम लिए बिना राष्ट्रपति ने बताया कि जिन संस्थाओं और व्यक्तियों ने यह दावा किया था, उन्हें भी जांच के दौरान साक्ष्य पेश करने के लिए बुलाया गया था लेकिन वह कोई भी साक्ष्य पेश नहीं कर सके।
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